हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने 12 जून, 2019 को स्वदेश विकसित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में डॉ- अब्दुल कलाम द्वीप के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) के प्रक्षेपण परिसर-4 से किया गया। एचएसटीडीवी, एक मानवरहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन वाहन (unmanned scramjet demonstration vehicle) है, जो 6 मैक (ध्वनि की गति की 6 गुना) की गति तक उड़ान भर सकता है। साथ ही यह 20 सेकंड में 32.5 किलोमीटर ऊंचाई तक जा सकता है। स्क्रैम-जेट तकनीक (scram-jet technology) में, सुपरसोनिक गति से उड़ान भरती मिसाइल के अंदर स्थित एक कक्ष में ईंधन का दहन होता है। यह तकनीक ‘रैम जेट प्रणाली’ (ram jet system) से अलग है, जिसमें ध्वनि की गति से कम रफ्तार पर उड़ान भरती मिसाइल के दहन कक्ष में ईंधन का ढहन वायुमंडल से प्राप्त वायु द्वारा होता है।

उपयोग

भविष्य की मिसाइलों, ऊर्जा-कुशल, कम लागत व पुनः प्रयोज्य वाले उपग्रह-प्रक्षेपण वाहनों सहित इसके कई संभावित उपयोग हो सकते हैं। यह तकनीक अभी तक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास ही है।

  • हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर प्रयोग किए जाने के अलावा यह एक दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकी है, जो कई असैन्य कार्यों में भी प्रयोग की जाएगी। इसके अतिरिक्त बेहद कम लागत पर उपग्रहों के प्रक्षेपण में भी इसका इस्तेमाल होगा।