भारत नवजात शिशु कार्य योजना

आईएनएपी सितंबर, 2014 को प्रारंभ किया गया, जो भारत में नवजात शिशु की मृत्यु को रोकने और मृतजन्म को कम करने की योजना है। यह 67वीं विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा प्रारंभ वैश्विक हर नवजात शिशु कार्य योजना (ENAP) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य बेहतर करने का वैश्विक रणनीति का हिस्सा है।

विशेषताएं

  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बाल जीवन रक्षा और विकास के लिए ‘कॉल टू एक्शन’के तहत मौजूदा प्रतिबद्धताओं पर आधारित है।
  • यह वैश्विक प्रत्येक नवजात कार्य योजना (ENAP) के साथश्रेणीबद्ध है और देश की विशिष्ट आवश्यकताओं के संदर्भ आधार पर प्रतिबद्धताओं को परिभाषित करता है।
  • वैश्विक योजना से पांच साल पहले, यानी 2030 तक एकल अंक नवजात मृत्यु दर प्राप्त करने का लक्ष्य है।
  • मृतजन्म के लिए मजबूत निगरानी तंत्र पर जोर दिया गया।
  • देखभाल की गुणवत्ता में सुधार कर नवजात मौतों को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना।
  • उन बच्चों को प्राथमिकता देना जो बहुत जल्द, बहुत छोटे या बीमार पैदा होते हैं।
  • लड़कियों व लड़कों, ग्रामीण व शहरी, अमीर व गरीब और जिलों व राज्यों के बीच समान प्रगति सुनिश्चित करना।
  • हस्तक्षेप के छः आधार निर्धारित किया गया हैः
    1. गर्भाधान पूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल।
    2. प्रसव और बच्चे के जन्म के दौरान देखभाल।
    3. तत्काल नवजात शिशु की देखभाल।
    4. स्वस्थ नवजात शिशु की देखभाल।
    5. छोटे और बीमार नवजात शिशु की देखभाल।
    6. नवजात शिशु के उत्तरजीविता के परे देखभाल।
  • राज्यों/जिलों के लिए एक ढांचे के रूप में कार्य करता है, जो मापन योग्य संकेतकों के साथ अपनी कार्य योजना विकसित कर सकते हैं।