महिला शक्ति केंद्र (एमएसके)

इसे बजट 2017-18 में घोषित किया गया था। यह ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए वन स्टॉप अभिसरण सहायता सेवाएं प्रदान करता है।

  • जिला/ब्लॉक स्तर पर सरकार की विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठाकर एमएसके की परिकल्पना की गई है।
  • इसे चरणबद्ध तरीके से विस्तारित करने की योजना बनाई गई थी, शुरुआत 115 सबसे पिछड़े जिलों में किया गया था, लेकिन 2018-19 में कार्यक्रम का विस्तार 220 जिलों में कर दिया गया।

योजना के घटक

राष्ट्रीय स्तरः इस स्तर पर क्षेत्र आधारित विशेषज्ञ महिला केंद्रित योजनाओं/कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सरकार को सहायता प्रदान करते हैं, ताकि सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सामंजस्य के माध्यम से ऐसी योजनाओं के वैचारिक और कार्यक्रमगत आधार को मजबूत किया जा सके।

राज्य स्तरः राज्य स्तर पर, राज्य सरकारों के राज्य महिला संसाधन केंद्र प्रभावी समन्वय के माध्यम से महिलाओं के लिए बने कार्यक्रमों, कानूनों और योजनाओं को लागू करने में तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं।

जिला स्तरः एक नया घटक अर्थात् जिला स्तरीय महिला केंद्र (DLCW) की परिकल्पना की गई है, जो महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी कार्यक्रमों, योजनाओं और सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है (बीबीबीपी, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, उज्ज्वला, आदि), जो गांव/ब्लॉक तथा राज्य स्तर के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।

ब्लॉक स्तरः ब्लॉक स्तर की पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए छात्र स्वयंसेवकों की भागीदारी के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिससे एनएसएस/एनसीसी कैडर के छात्र भी जुड़े हो सकते हैं।

  • वन स्टॉप सेंटर जैसे पहल पहले से ही मौजूद हैं; अतः सरकार को मौजूदा योजनाओं को प्रभावी बनाने की कोशिश करनी चाहिए।