राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (NCAP), 2016

सरकार ने 2016 में राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति, 2016 को लागू किया गया। इसका उद्देश्य लोगों को सस्ती और सुविधाजनक उड़ान उपलब्ध कराना; एक एकीकृत इको-सिस्टम की स्थापना करना; जिससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र की महत्वपूर्ण वृद्धि हो, बुनियादी ढाँचे के विकास एवं सुगमता को सरल बनाने की सरलीकृत प्रक्रियाओं और ई-गवर्नेंस के माध्यम से पर्यटन, रोजगार तथा संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिले एवं क्षेत्रीय संपर्क बढ़े। नीति की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं -

क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस): यह दो छोटे शहरों के बीच एक घंटे की उड़ान के लिए एयरलाइंस को 2,500 रुपये से अधिक किराया वसूलने चार्ज करने की अनुमति नहीं देती हैं।

5/20 नियमः सभी एयरलाइंस अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू कर सकती हैं, अगर यह कुल क्षमता के 20 विमान या 20 प्रतिशत की क्षमता (सभी प्रस्थानों पर औसत सीटों की संख्या), जो भी घरेलू संचालन से अधिक होके नियम को पूरी करती हों।

नो-फ्रिल एयरपोर्टः इन्हें 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये कीलागत पर बनाया जाएगा।

कोड-शेयर समझौतेः भारतीय वाहक एक पारस्परिक आधार पर भारत के भीतर किसी भी गंतव्य के लिए विदेशी वाहक के साथ कोड-शेयर समझौतों में प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

निजी सुरक्षा को प्रोत्साहित करनाः सरकार गैर-प्रमुख सुरक्षा कार्यों के लिए हवाई अड्डों पर निजी सुरक्षा एजेंसियों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी। निजी सुरक्षा एजेंसियों में सैन्य और अर्द्ध-सैन्य बलों के सेवानिवृत्त कर्मी शामिल होंगे।

वायएबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ): इसे नागर विमानन मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच 80:20 के अनुपात में साझा किया जाएगा, जबकि यह उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10 है।

द्विपक्षीय यातायात अधिकारः इसके तहत केंद्रीय सरकार सार्क देशों और उन देशों के साथ पारस्परिक आधार पर ‘ओपन स्काई’ वायु सेवा समझौता (एएसए) करेगी, जो पूरी तरह से नई दिल्ली से 5,000 किलोमीटर के दायरे में स्थित हो।

ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियां (GHA): एयरपोर्ट ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेगा कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करने के लिए AERA एक्ट 2008 में परिभाषित सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर एयर इंडिया की सहायक/श्रट सहित तीन ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियां (GHA) होंगी।

उन्नत कार्गो सूचना प्रणालीः सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किए गए अंतरराष्ट्रीय मानक के आने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए नोडल एजेंसी नागर विमानन मंत्रालय होगी।

हेलीकॉप्टरों की वृद्धिः सरकार दूरस्थ क्षेत्र संपर्क के लिए हेलीकॉप्टरों के विकास का प्रयास करेगी और DGCA के लिए हेलीकॉप्टरों के लिए अलग नियमों को अधिसूचित किया जाएगा।

नीति से संबंधित मुद्दे

यह नीति इस उद्योग के दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक संस्थागत बुनियादी ढांचे प्रदान नहीं करती। एएआई और निजी निवेशकों के बीच विवाद के लिए विवाद निवारण तंत्र पर नीति स्पष्ट नहीं है।

  • यह देश में विमानन सुरक्षा और सुरक्षा को संचालित करने वाली महत्वपूर्ण संस्थाओं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के संचालन पर मौन है।
  • यह राज्य में एयर इंडिया और अन्य एयरलाइन के लिए आगे बढ़ने के रोडमैप पर भी मौन है।

सुधार के प्रयास

विमानन विशेषज्ञों के अनुसार सरकार एयर नेविगेशन सेवाओं को एएआई से अलग करे और इसे एक स्वतंत्र, पेशेवर निकाय के रूप में स्थापित करे।

  • उद्योग हितधारकों को नागरिक उड्डययन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए तर्कसंगत निर्णयों को लागू करने के लिए नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना होगा।
  • भारत को 2020 तक विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डययन बाजार और 2030 तक सबसे बड़ा नागरिक उड्डययन बाजार बनाने के लिए गुणवत्ता, लागत और यात्री हित पर विशेष ध्यान देने के साथ सही नीतियों को तैयार करना होगा।