राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति

भारत सरकार के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं, मौतों एवं चोटों को कम करना है। इस नीति की विशेषता निम्नलिखित है -

  1. सड़क सुरक्षा से संबन्धित मुद्दों के विषय में जागरुकता बढ़ानाः सरकार सड़क सुरक्षा और इसके सभी पहलुओं के विषय में जागरुकता को बढ़ावा देने वाली सभी प्रयासों को आगे बढ़ाएगी।
  2. सड़क सुरक्षा सूचना डेटाबेस जारी करनाः केंद्र सरकार राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों को आकड़ा संग्रह, हस्तानांतरण, विश्लेषण और दुर्घटनाओं की जांच की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगा।
  3. सुरक्षित सड़क अवसंरचनाः सरकार द्वारा शहरी और ग्रामीण सड़कों के डिजाइन और सुरक्षा के मामले में बेहतर मानकों को सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएंगे।
  4. सुरक्षित वाहनः सड़कों पर वाहनों का संचालन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाना, ताकि वे सड़कों पर सुरक्षा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में कम से कम खतरा पैदा करें।
  5. सुरक्षित चालकः सरकार ड्राइवर लाइसेंसिंग प्रणाली को सख्त बनाकर यह सुनिश्चित करेगी कि केवल अत्यधिक सक्षम चालक ही वाहनों का संचालन करें।
  6. सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित स्थितिः सरकार द्वारा सभी सड़क सुविधाओं के डिजाइन और निर्माण के समय सड़क पर कमजोर लोगों की जरूरतों (शारीरिक रूप से विकलांग, कमजोर और गैर-मोटर चालित परिवहन सहित) को ध्यान में रखा जाएगा।
  7. सड़क यातायात सुरक्षा, शिक्षा और प्रशिक्षणः लोगों में जागरुकता पैदा करने और सड़क सुरक्षा ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रचार अभियान, प्रशिक्षण और शिक्षा का उपयोग किया जाएगा।
  8. सुरक्षा कानून लागू करनाः भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सड़क सुरक्षा कानून को लागू कराया जाए; जिससे सुरक्षा कानून का क्रियान्वयन अधिक समान और प्रभावी बनेगा।
  9. सड़क पर दुर्घटनाओं के लिए आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं: सरकार द्वारा सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में सभी लोगों को त्वरित, बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके, सुनिश्चित किया जाएगा।
  10. सड़क सुरक्षा के लिए मानव संसाधन विकास और अनुसंधानः सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा अनुसंधान के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना; जिसमें प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान, वित्त पोषण अनुसंधान, संस्थापक अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान आदि शामिल हैं।

हरित राजमार्ग नीति, 2015

भारत सरकार ने देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों की हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण, प्रत्यारोपण, सौंदर्यीकरण और रख-रखाव) नीति 2015 शुरू की है, जिसमें समुदाय, किसानों, गैर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र, संस्थानों, वन विभाग एवं सरकारी एजेंसियों आदि की भागीदारी को शामिल किया गया है। इस नीति के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे-

  • राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करना।
  • वायु प्रदूषण और धूल के प्रभावों को कम करने हेतु लगाना क्योंकि ये वायु प्रदूषकों के लिए प्राकृतिक सिंक हैं।
  • गर्मियों के दौरान गर्म सड़कों पर आवश्यक छाया प्रदान करना।
  • वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव को कम करना।
  • आने वाले वाहनों की हेडलाइट से उत्पन्न चकाचौंध की रोकथाम करना।

रेल परिवहन

भारतीय रेलवे प्रणाली का विश्व में चौथा स्थान है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन का क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान है। भारतीय रेल मार्ग नेटवर्क 1,15,000 किमी है, जिसमें 12,617 यात्री ट्रेनें और 7,421 मालगाड़ियां शामिल हैं, जो प्रतिदिन 7,349 स्टेशनों से 23 मिलियन यात्रियों और 3 मिलियन टन (MT) माल का दैनिक परिवहन करती है। एकल प्रबंधन के तहत भारतीय रेलवे नेटवर्क विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणाली है। भारतीय रेलवे भारत में सबसे बड़ा और विश्व में आठवां बड़ा नियोक्ता है; जिसमें लगभग 14 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

  • 1853 में भारत में मुंबई से ठाणे तक रेलवे की शुरूआत के बाद से कई चरणों को पार करते हुए भारतीय रेलवे ने अब मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन परियोजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
  • भारतीय रेलवे राष्ट्रीय रेलवे योजना 2020, डायमंड क्वाड्रिलेटरल, मेट्रो रेल नीतियों, डेडिकेटेड रेलवे फ्रेट कॉरिडोर आदि के माध्यम से नई एवं आधुनिक तकनीकों का समायोजन कर रही है।
  • निवेशक के अनुकूल नीतियां बनाने के उद्देश्य से स्वचालित मार्ग के तहत रेलवे के बुनियादी ढांचे में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
  • सरकार द्वारा भारतीय रेलवे के भविष्य के विकास के लिए अवतरण, मिशन सत्यनिष्ठा, स्मार्ट फ्रेट ऑपरेशन ऑप्टिमाइजेशन और रियल टाइम इंफॉर्मेशन (एसएफओओआरटीआई), प्रोजेक्ट सक्षम, प्रोजेक्ट स्वर्ण, राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष, भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (IREPS) आदि पहल प्रारम्भ किया गया।