राष्ट्रीय रेलवे विजन 2020

भारत सरकार ने 2009 में भारतीय रेलवे विजन 2020’ को अपनाया, जिसका उद्देश्य कुशल, वहनीय, ग्राहक-केंद्रित और पर्यावरण के अनुकूल एकीकृत परिवहन समाधान प्रदान करना।

रेलवे विजन 2020 का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  • अत्यधिक प्रतिस्पर्द्धी उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं के माध्यम से सभी ग्राहकों और नागरिकों को सम्मानजनक मूल्य प्रदान करना।
  • समावेशी सेवा की बाधाओं को दूर करने और क्षमता सृजन के लिए रेलवे नेटवर्क का विस्तार एवं आधुनिकीकरण।
  • तकनीकी और प्रबंधकीय नवाचार के माध्यम से परिसंपत्तियों की उत्पादकता एवं संचालन की दक्षता में सुधार।
  • विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों और लाभ केंद्रों में रेलवे की गतिविधियों का विवेकपूर्ण पुनर्गठन।
  • मानव पूंजी पर बल देने के साथ एक अत्यधिक सामंजस्यपूर्ण और प्रेरित संगठन का निर्माण।

योजना की बुनियादी चुनौतियां

रेलवे के ट्रंक मार्गों की क्षमता और यातायात असमानता। उदाहरण के लिए ट्रंक मार्ग रेलवे नेटवर्क का केवल 16% हिस्सा होते हुए भी 50% से अधिक यातायात वहन करते हैं।

  • कमजोर रेलवे सुरक्षा मानक एवं प्रदर्शन में कमी।
  • परिसंपत्ति की विश्वसनीयता में कमी।
  • वैश्विक स्तर की तुलना में भारतीय रेल ट्रैक की औसत गति क्षमता की कमी।
  • तकनीकी उन्नयनता में कमी।
  • कमजोर रेलवे कनेक्टिविटी।
  • आपूर्ति पक्ष की कमियां।
  • रेल सेवाओं की गुणवत्ता में कमी आदि।
  • पिछले दशक में भारतीय रेल की प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं-
    • पीने योग्य पेयजल, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और जैव-शौचालयों जैसी सुविधाओं के साथ आधुनिक अनारक्षित कोच ‘दीन दयालु’ प्रयोग में लाया जाना।
    • देश में सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों का एक नया युग शुरू हो गया है; जैसे गतिमान एक्सप्रेस वंदे भारत।
    • भारतीय रेलवे में हरित ईंधन का प्रयोग प्रारम्भ हो गया है, पहली सीएनजी ट्रेन उत्तरी क्षेत्र के रेवाड़ी-रोहतक खंड पर शुरू की गई थी।
    • ट्रेनों में खानपान का निजीकरण।
    • भारतीय रेलवे ने एक हल्की स्पैनिश ट्रेन टैल्गो को परीक्षण किया है, जो कि 30 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करती है।
    • काउंटरों पर टिकट खरीदने के लिए अधिकतम समय पांच मिनट के अंदर लाने के लिए स्टेशनों पर संचालन सेवाओं में वृद्धि हुआ है।
    • वाई-फाई रेलवे प्लेटफॉर्म को सक्षम बनाया है।
    • रेलवे ने 2019 तक सभी कोचों में जैव-शौचालय लगाने और ट्रैक को सफलतापूर्वक स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा है।

रेलवे का निजीकरण

भारतीय रेलवे ने लखनऊ और दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन की अनुमति देकर निजीकरण की शुरुआत के साथ ही 150 से अधिक यात्री ट्रेनों के संचालन की निजीकरण योजना की घोषणा की है। यह रेलवे सेवाओं के निजीकरण की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे वैश्विक अनुभव के आधार पर प्रारम्भ किया गया है।

  • तर्कसंगत आधार पर रेलवे संचालन के एक भाग का निजीकरण करना मुश्किल है (पूर्ण निजीकरण पर भी विचार नहीं किया जा रहा है; क्योंकि यह लंबवत रूप से एकीकृत प्रणाली है। तार्किक रूप से पटरियों और सिग्नलिंग, सभी निजी ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा एक्सेस किए जाने वाले सामान्य संसाधन राज्य के हाथों में रहना चाहिए; लेकिन इसे भी बाद में निजीकरण किया जा सकता है।