नेट तटस्थता नियम

विकेंद्रीकृत अभिगम्यता और डाटा का मुक्त प्रवाह स्वतंत्र तथा निष्पक्ष डिजिटल अर्थव्यवस्था की विशेषता है। यह समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के साथ नवाचार को बढ़ावा देता है। भारत में कंपनियां ‘जीरो रेटिंग’ पैकेज लेकर आयी जैसे फेसबुक की फ्री बेसिक्स सेवा और एयरटेल का एयरटेल जीरो प्लेटफॉर्म, जो अपने ग्राहकों को मुफ्त में कुछ मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने की अनुमति देती थी। नेट तटस्थता (Net Neutrality) वैश्विक मानदंडों का उल्लंघन करता है; इसलिए भारत सरकार द्वारा इसे रोकने के लिए नियम जारी किए गए।

नेट तटस्थता

नेट तटस्थता वह सिद्धांत है, जिसके तहत इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां (आईएसपी) इंटरनेट पर हर तरह के डाटा को एक जैसा दर्जा देती है। आईएसपी द्वारा इंटरनेट के किसी कॉन्टेंट और सेवा तक पहुँच में भेदभाव नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही डाटा थ्रॉटलिंग या किसी अन्य कॉन्टेंट और सेवाओं के पक्ष में उच्च गति प्रदान नहीं की जाती है।

वर्तमान स्थिति

भारत में इंटरनेट नेट न्यूट्रैलिटी के नियमों द्वारा संचालित है; क्योंकि डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन (तत्कालीन दूरसंचार आयोग) ने नियामक संस्था ज्त्।प् (टेलीकॉम रेगुलेटरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया) द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। नेट तटस्थता नियमों में शामिल हैं-

  • सामग्री का भेदभावपूर्ण व्यवहार निषिद्ध होगा। अन्य इंटरनेट चैनलों को ब्राउज करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकता है।
  • यह नियम आईएसपी को हाई-स्पीड डाटा लेन बनाने से रोकते हैं।
  • इस नियम के अनुसार, फेसबुक के फ्री बेसिक्स सेवा जैसे शून्य-रेटिंग पैकेज भारत में अवैध हैं।