शेकतकर समिति

सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमता को बढ़ाने और असंतुलन रक्षा व्यय पर सिफारिश करने के उद्देश्य से शेकतकर समिति का गठन किया गया था। समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित प्रयास किये गये हैं:

पूंजीगत व्ययः आधुनिकीकरण के लिए रोल-ऑन रक्षा बजट में पर्याप्त पूंजी उपलब्ध होना चाहिए। यह प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में अनपेक्षित पूंजी बजट को छोड़ देने की वर्तमान प्रथा पर अंकुश लगाएगा।

  • रक्षा मंत्रालय के तहत गैर-युद्धक संगठनों का प्रदर्शन ऑडिट किया जाना चाहिए। इसमें रक्षा संपदा और खातों से जुड़े लोग, डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) आदि शामिल होने चाहिए।

एनसीसी में व्यापक सुधारः एनसीसी को रक्षा मंत्रालय से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्थानांतरित करना चाहिए। एनसीसी को अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए भूतपूर्व सैन्य सदस्यों को पुनः नियोजित या अनुबंधित कर सकते हैं।