वन स्टॉप सेंटर योजना (ओएससी)

लिंग आधारित हिंसा वैश्विक स्वास्थ्य, मानवाधिकार और विकास का मुद्दा है, जो दुनिया के प्रत्येक क्षेत्र में प्रत्येक समुदाय और देश को प्रभावित करता है।

  • भारत में लिंग आधारित हिंसा की कई रूप हैं, जैसे बलात्कार, घरेलू एवं यौन हिंसा, एसिड हमलें, बाल यौन शोषण, वेश्यावृत्ति के लिए तस्करी, बाल विवाह, लिंग चयन के लिए गर्भपात, सती प्रथा आदि। इन सभी के अलावा, भारत सामाजिक आर्थिक असमानताओं के कारण हिंसा, विस्थापन और सांप्रदायिक घटनाओं से भी जूझ रहा है।
  • लिंग हिंसा से निपटने के लिए, वन स्टॉप सेंटर (सखी) योजना 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई।

उद्देश्यः एक ही छत के नीचे हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता तथा सहयोग उपलब्ध कराने के साथ ही आपातकालीन और गैर आपातकालीन सुविधायें उपलब्ध करना।

  • इस योजना के तहत यह परिकल्पित किया गया है कि चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत दिसंबर 2019 तक कुल 718 ओएससी स्थापित किए गए हैं।

मुद्देः खराब बुनियादी ढांचा (कोई सीसीटीवी, बेड आदि), इसके बारे में जागरुकता की कमी, रिपोर्ट में देरी, कर्मियों का गैर जिम्मेदाराना रवैये आदि।

  • ऐसी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सरकार को इससे सम्बंधित मुद्दों का उचित समाधान करना चाहिए।