बंदरगाह और नौपरिवहन सेवाएं

जनवरी 2019 तक दुनिया के बेड़े में भारत की हिस्सेदारी 0.9 प्रतिशत थी। भारत के पास 13 मुख्य बंदरगाह और लगभग 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं। भारतीय पत्तनों की कुल कार्गो (मालवाहन) क्षमता मार्च 2010 के अंत में 628.03 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) थी, जो मार्च, 2019 के अंत में बढ़कर 1,452-64 हो गई। पारादीप, चेन्नई, विशाखपत्तनम, दीनदयाल (कण्डला) और जेएनजीटी जैसे पत्तनों के पास मार्च 2019 में उच्चतम कार्गो क्षमता थीं। भारत कम्पनियों के स्वामित्व वाले जहाजों की कुल संख्या 2010 में 1,040 थी जो कि अगस्त 2019 में बढ़कर 1414 हो गई। अप्रैल-दिसम्बर 2019 में प्रमुख बंदरगाहों पर हुए यातायात में प्रतिवर्ष लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • जहाजों पर से माल उतारने और लादने की क्रिया से संबंधित समय (जहाज वापसी का समय), जो कि नौपरिवहन क्षेत्र की कुशलता का एक मुख्य संकेतक है, उसमें लगातार गिरावट हुई है, जो कि 2010-11 और 2018-19 के बीच आधा होकर 2.48 दिन रह गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जहाज़ के लिए विश्व स्तर पर माध्यिका (मीडियन) टर्न अराउंड समय 0.97 दिन हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत में बंदरगाहों की दक्षता में और सुधार करने की आवश्यता है।