पर्यटन क्षेत्र

पर्यटन क्षेत्र, सकल घरेलू उत्पाद, विदेशी मुद्रा आय और रोजगार में योगदान करने वाला विकास का एक प्रमुख क्षेत्र है। भारत में पर्यटन के क्षेत्र में वर्ष 2015 से 2017 तक विदेशी पर्यटक आगमन में उच्चवृद्धि के कारण पर्यटन क्षेत्र में मजबूत निष्पादन हुआ। परन्तु 2017 के बाद विदेशी पर्यटकों के आगमन में कमी आई और वर्ष 2018 में 5.2 प्रतिशत और जनवरी-अक्तूबर 2019 में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि रह गई। अंतरर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन की वृद्धि दर वर्ष 2017 में 7.1 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2018 में 5.4 प्रतिशत रह गई।

  • अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन के संदर्भ में भारत का स्थान वर्ष 2017 में 26वें से सुधर कर वर्ष 2018 में 22वें पर आ गया। भारत का हिस्सा अब विश्व के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में 1.24 प्रतिशत और एशिया एवं प्रशांत के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में 5 प्रतिशत है।
  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत ने 46 राष्ट्रों के लिए सितम्बर 2014 में ई-पर्यटक वीजा प्रणाली प्रारंभ की। इस स्कीम को प्रारंभ करने से पहले केवल 12 देशों के लिए ही ई-वीजा सुविधा उपलब्ध थी। सरकार ने वर्ष 2016 में वीजा प्रणाली को और भी उदार कर दिया है तथा इसका नाम बदल कर ई-वीजा स्कीम रख दिया। अब यह ई-वीजा स्कीम 28 निर्दिष्ट विमान पत्तनों और 5 निदिष्ट बंदरगाहों के माध्यम से वैध प्रवेश सुविधा के साथ 169 देशों के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ई-वीजा से भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या वर्ष 2015 में 4.45 लाख से बढ़कर जनवरी-अक्टूबर 2019 में 21.75 लाख रही।

प्रमुख तथ्य

  • पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय के संदर्भ में भारत का स्थान विश्व में 13वां और एशिया व पैसिफिक में 7वां है।
  • राज्य स्तर पर पर्यटकों को आकर्षित करने वाले शीर्ष 5 राज्य तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र है।
  • इनका हिस्सा वर्ष 2018 में देश में कुल स्वदेशी पर्यटन का लगभग 65 प्रतिशत है।
  • विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले शीर्ष 5 राज्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश दिल्ली और राजस्थान हैं जिनका हिस्सा वर्ष 2018 में कुल विदेशी पर्यटन में लगभग 67 प्रतिशत है।