प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

इसे 2015 में मौजूदा छोटे व्यवसाय की उद्यमशीलता गतिविधि को बढ़ाने और पहली पीढ़ी के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह इस उद्देश्य को छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान करके करता है।

  • विशेषताएं: MUDRA योजना के तहत 3 प्रकार के ऋण दिए जाते हैं-
    1. शिशु ऋणः 50,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता।
    2. किशोर ऋण: 50,000 और 5,00,000 रुपए के बीच की राशि का वित्तीय समर्थन
    3. तरुण ऋणः 5,00,000 और 10,00,000 रुपए के बीच की राशि का वित्तीय समर्थन
  • मुद्रा (MUDRA) के तहत सभी ऋण बिना किसी संपार्श्विक (Collateral) के प्रदान किए जाते हैं, यानी जो उधारकर्ता संपार्श्विक की अनुपस्थिति के कारण ऋण के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे, वे अब प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की मदद से वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

MUDRA एजेंसी

  • MUDRA (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) लिमिटेड की स्थापना भारत सरकार द्वारा लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी।
  • यह एजेंसी उन सभी सूक्ष्म-उद्यमों क्षेत्र को विकसित करने और पुनर्वित्त करने के लिए जिम्मेदार होगी, जो वित्त संस्थानों का समर्थन करते हैं और जो विनिर्माण, व्यापार एवं सेवा गतिविधियों में लगे सूक्ष्म/लघु व्यवसाय संस्थाओं को ऋण देने के व्यवसाय में हैं।
  • MUDRA देश में सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र को सूक्ष्म वित्त सहायता प्रदान करने के लिए राज्य स्तर/क्षेत्रीय स्तर पर बैंकों, MFI और अन्य ऋण संस्थानों के साथ भागीदारी करेगा।
  • MUDRA लोन MUDRA कार्ड के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिसे नियमित डेबिट कार्ड के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

समाधान

श्रम बाजार पर MUDRA के प्रभाव की जांच के लिए रोजगार पर आवधिक डेटा का उत्पादन किया जाना चाहिए। यह योजना को और प्रभावी बनाएगा।

  • MUDRA के तहत ऋणों की सावधानीपूर्वक और सतर्कता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • यदि कोई उद्यम विफल हो रहा है, तो उसे ऋण का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करने के लिए समर्थित होना चाहिए।
  • स्थापना के तृतीयक चरण में उद्यमों में लाने के लिए ऋण राशि को बढ़ाना चाहिए।
  • MUDRA योजना जैसी योजनाओं, छोटे और मध्यम उद्यमों के वित्तपोषण के लिए धन के समान वितरण तथा उपलब्धता को सुनिश्चित करना आवश्यक है। ये उद्यम ज्यादातर श्रम प्रधान हैं, जो देश में रोजगार बढ़ाने में मदद करते हैं; इसलिए इन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

चुनौतियां

योजना का मूल उद्देश्य छोटे स्तर के उद्यम को बढ़ावा देना था, जिससे श्रम गहन हो और अधिक रोजगार पैदा हो; लेकिन MUDRA के तहत उत्पादित रोजगार की मात्र को प्रोजेक्ट करने के लिए कोई डेटा नहीं है।

  • हालांकि, MUDRA के तहत एनपीए (4%) पीएसबी (10%) से कम हैं, लेकिन आरबीआई ने भविष्य में एनपीए की संख्या में संभावित वृद्धि के खिलाफ चिंताएं दर्शाई है।
  • योजना के तहत वितरित ऋण राशि केवल उद्यम के प्रारंभिक चरण की शुरुआती समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकती है, लेकिन यह इसे आगे बढ़ने या विस्तार करने में मदद नहीं कर सकती है, क्योंकि आवंटित राशि बहुत कम है।
  • पहले से ही पुनर्वित्त एजेंसियां नाबार्ड की तरह मौजूद हैं, जो देश के ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र में क्रेडिट समर्थन और सेवाओं की देखभाल करती हैं।
  • MUDRA की स्थापना के कारण प्रशासनिक संघर्ष भी देखने को मिला है।