प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) 1 मई, 2016 (बलिया, उत्तर प्रदेश) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया। यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की योजना है, जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन वितरित करने हेतु आरम्भ की गई है।

  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन प्रदान करना है, जो आम तौर पर खाना पकाने के लिए जीवाश्म ईंधन (लकड़ी, उपला एवं कोयला आदि) का उपयोग करती हैं। जीवाश्म ईंधन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यह योजना स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर अंकुश लगाने के साथ ही महिलाओं को सशक्त करेगा।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों सहित सभी पहाड़ी राज्यों को ‘प्राथमिकता वाले राज्यों’ के रूप में रखा गया है। यह कदम जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में एलपीजी तक पहुंच में आने वाली कठिनाईयों को प्रभावी ढंग से दूर करता है।
  • यह योजना वर्तमान में सम्पूर्ण भारत में लागू है। इस योजना के कारण 2014 की तुलना में 2019 में एलपीजी की खपत में 56% की वृद्धि के साथ एलपीजी गैस स्टोव और सिलिंडर तक पहुंच में वृद्धि हुई है, लेकिन एलपीजी सिलिंडर का उपयोग अभी भी कम बना हुआ है।
  • इस योजना की मूल आलोचना यह है कि कुछ क्षेत्रों में गरीब व्यक्ति प्रथम उपयोग के बाद फिर से गैस भरवाने में असमर्थ हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के उपभोक्ताओं द्वारा वार्षिक औसत रिफिल 3.28 सिलेंडर है, जो दूसरों की तुलना में (सात सिलेंडर) कम है।
  • भारत के नियंत्राक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने कम खपत, विविधताओं और सिलेंडरों की आपूर्ति में काफी देरी के संदर्भ में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) पर चिंता व्यक्त की है।
  • सरकार अब योजना के कार्यान्वयन की तुलना में जागरुकता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है और गरीब वर्ग में किफायती 5 किलो का सिलेंडर लेने को बढ़ावा दे रही है।