वनबंधु कल्याण योजना

वनबंधु कल्याण योजना (वीकेवाई) वर्ष 2014 में आदिवासी मामलों के मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा आदिवासियों के कल्याण के लिए शुरू की गई। वन बंधु कल्याण योजना उचित संस्थागत तंत्र के माध्यम से संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर वांछित परिणाम प्राप्त करना है। यह योजना मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक समूहों के बीच मानव विकास सूचकांक, ढांचागत कमियों, विकास अंतर को पूरा करने पर केंद्रित है।

योजना का उद्देश्य

  • जनजातीय क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • आदिवासी परिवारों के लिए गुणात्मक और स्थायी रोजगार उपलब्ध करना।
  • गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे के अंतराल को कम करना।
  • आदिवासी संस्कृति और विरासत का संरक्षण करना।

योजना के घटक

  • गुणात्मक और स्थायी रोजगार।
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उच्च शिक्षा पर जोर।
  • जनजातीय क्षेत्रों का त्वरित आर्थिक विकास।
  • सभी के लिए स्वास्थ्य।
  • सभी के लिए आवास।
  • सुरक्षित पेयजल।
  • इलाके के अनुकूल सिंचाई सुविधाएँ।
  • आसपास के शहर/शहरों से कनेक्टिविटी के साथ सड़कें।
  • बिजली की सार्वभौमिक उपलब्धता।
  • शहरी विकास।
  • स्थिरता के साथ विकास के लिए मजबूत संस्थागत तंत्र।
  • जनजातीय सांस्कृतिक विरासत का संवर्द्धन और संरक्षण।
  • जनजातीय क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देना।
  • सरकार को अत्यधिक प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए जनजातीय विकास योजनाओं को मिशन मोड में लागू करना चाहिए।