शीतकालीन पक्षी निगरानी कार्यक्रम 2021-22
शीतकालीन पक्षी निगरानी कार्यक्रम 2021-22 में कर्नाटक के मैसूर, मांड्या और चामराजनगर जिलों में 53 अनिवासी प्रजातियों सहित 203 पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई है।
प्रमुख खोज: इस वर्ष 203 प्रजातियां दर्ज की गईं।
- सभी प्रजातियों के 34,361 पक्षी दर्ज किए गए, जो पक्षियों की विशाल विविधता को दर्शाते हैं।
- सबसे अधिक प्रजाति कैटल एग्रेट (Cattle Egret) (2,064) की थी, उसके बाद यूरेशियन कूट (Eurasian Coot), बार-हेडेड गूज (Bar-headed Goose), बार्न स्वेलो (Barn Swallow) और लिटिल कॉर्मोरेंट (Little Cormorant) हैं।
शीतकालीन पक्षी निगरानी कार्यक्रम: यह कार्यक्रम 1987 में मैसूर में शुरू किया गया।
- हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह के दौरान मैसूर और उसके आसपास शीतकालीन प्रवासी और स्थानीय जल-पक्षियों को देखा और दर्ज किया जाता है।
- इस निगरानी कार्यक्रम से उत्पन्न मूल्यवान आंकड़ों को विभिन्न एजेंसियों द्वारा संरक्षण के लिए उपयोग किया जाता है।
राज्य परिदृश्य
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- 2 पूर्वोत्तर भारत का पहला मोटरस्पोर्ट रेसिंग ट्रैक मिजोरम में बनाया जाएगा
- 3 ऊपरी भद्रा परियोजना को मिला राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा
- 4 केरल लोकायुक्त अधिनियम संशोधन अध्यादेश
- 5 19वां बायोएशिया सम्मेलन 2022
- 6 परय शिक्षालय
- 7 ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल का निधन
- 8 झारखंड में भाषा संबंधित विरोध
- 9 कोंकण बांस और बेंत विकास केंद्र
- 10 कणकावली में कॉयर बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय
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- 12 12वां राज्यव्यापी गरीब कल्याण मेला
- 13 गुजरात की नई जैव प्रौद्योगिकी नीति 2022-27
- 14 48वां खजुराहो नृत्य महोत्सव
- 15 विवा कार्निवल
- 16 राजस्थान सरकार ने पेश किया बजट 2022-23
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- 20 दिल्ली स्थापित करेगी देश का पहला 'ई-कचरा इको-पार्क'
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- 23 जम्मू और कश्मीर में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
- 24 जम्मू-कश्मीर में एफडीआई नीति को मंजूरी
- 25 आइस वॉल क्लाइंबिंग प्रतियोगिता-2022
- 26 कुनस्योम्स योजना