भारत-जर्मनी समझौता
6 अक्टूबर, 2022 को भारत के राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और जर्मनी की कंपनी मेसर्स के प्लस एस मिडिल ईस्ट एफजेडई डीएमसीसी के मध्य समझौताज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
उद्देश्यः कृषक समुदाय के लिए एमओपी की उपलब्धता में सुधार करना और विभिन्न ग्रेड के जटिल उर्वरकों के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में मेसर्स के प्लस एस 2022 से 2025 की अवधि के लिए भारत विशिष्ट रियायती मूल्य पर 1,05,000 मीट्रिक टन म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) प्रतिवर्ष की आपूर्ति करेगा।
- इस दीर्घकालिक समझौते से भारतीय किसान समुदाय को उचित मूल्य पर एमओपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय संबंध
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 भारत-बांग्लादेश कुशियारा नदी समझौता
- 3 विश्व हरित अर्थव्यवस्था शिखर सम्मेलन
- 4 चीन आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन में शीर्ष
- 5 50 विरासत वस्त्र शिल्पों की सूची
- 6 8वां शिखर सम्मेलन-पी-20
- 7 यूएन मानवाधिकार परिषद में 14 सदस्यों का चुनाव
- 8 भारत-न्यूजीलैंड वार्ता
- 9 भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्यदल की बैठक
- 10 भारत-यूएई संयुक्त कार्य बल की 10वीं बैठक
- 11 भारत-जापान समझौता
- 12 ‘वुल्फ़ वॉरियर’ डिप्लोमेसी
- 13 यूनेस्को-मोंडियाकल्ट 2022 विश्व सम्मेलन
- 14 बी20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग सम्मेलन
- 15 अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की 5वीं सभा