पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 1 नवंबर, 2021 को कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के नए रडार और पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः 2009 में कोचीन पोर्ट में चालू की गई इस पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली (Vessel Traffic Management System) को एक अत्याधुनिक प्रणाली के साथ अपग्रेड किया गया है, जिसमें 2 नए रडार, 1 स्वचालित पहचान प्रणाली बेस स्टेशन, 3 उच्च आवृत्ति (Very High Frequency: VHF) रेडियो और संबंधित सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर शामिल हैं।

  • पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली नौवहन गतिविधियों की निगरानी और विनियमन द्वारा बंदरगाह में नौवहन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक आवश्यक उपकरण है।
  • नौवहन सुरक्षा के अलावा, प्रणाली बंदरगाह में चलने वाले सभी पोतों का पता लगाने और उन पर नजर रखकर बंदरगाह के पानी की सुरक्षा को भी बढ़ाती है।

प्रश्नोत्तर-सार

ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम

  • ग्रामीण विकास मंत्रलय वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए तीन कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है।
  • ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ (MGNREGS) एक मांग संचालित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है, जो अकुशल श्रम कार्य करने के लिए इच्छुक वयस्क सदस्यों वाले ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिन की गारंटी मजदूरी प्रदान कर परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने का प्रावधान करता है। ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना’ (DDU-GKY) मजदूरी रोजगार के लिए एक नियोजन से संबद्ध (placement linked) कौशल विकास कार्यक्रम है। ‘ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कौशल विकास’ कार्यक्रम एक प्रशिक्षु को बैंक ऋण लेने और अपना खुद का सूक्ष्म उद्यम शुरू करने में सक्षम बनाता है।

ज्वारीय ऊर्जा

  • दिसंबर 2014 में ‘क्रिसिल रिस्क एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस लिमिटेड’ (CRISIL Risk and Infrastructure Solutions Limited) के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, देश की ज्वारीय विद्युत क्षमता लगभग 12,455 मेगावाट अनुमानित है।
  • देश में ज्वारीय विद्युत शत्तिफ़ का दोहन करने के पूर्व प्रयास प्रति मेगावाट 30 करोड़ रुपए से 60 करोड़ रुपए की उच्च पूंजीगत लागत के कारण विफल रहे। फ्रांस में स्थित 240 मेगावाट की ला रेंस स्टेशन (1966 में स्थापित) और दक्षिण कोरिया में स्थित 254 मेगावाट की सिहवा संयंत्र (2011 में स्थापित) नामक दो ज्वारीय ऊर्जा परियोजनाओं का विश्व में ज्वारीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता में 90% से अधिक का योगदान है। वर्तमान में, बहुत अधिक पूंजीगत लागत के कारण, भारत सरकार ने ज्वारीय ऊर्जा के उत्पादन के लिए कोई नीति या कार्यक्रम लागू नहीं किया है।

आर्थिक परिदृश्य