प्रोजेक्ट टाइगर

भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 में सरकार द्वारा बाघों को विलुप्त होने से बचाने एवं उनके संरक्षण के लिए की गई थी। इस योजना का संचालन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रलय द्वारा किया जाता है।

  • इसके तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसकी अनुशंसा पर राज्य किसी क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में चिह्नित करते हैं।
  • भारत के 18 राज्यों में बाघ पाये जाते हैं। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट की संज्ञा दी जाती है।
  • 1973 में भारत में 9 टाइगर रिजर्व थे, जिनकी वर्तमान संख्या 53 हो गई है।
  • प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुए बाघ सम्मेलन से हुई थी।
  • वर्तमान में भारत में बाघों की संख्या 2967 है।
  • आंध्र प्रदेश का नागार्जुन सागर-श्री षेलम क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा एवं महाराष्ट्र का बोर सबसे छोटा टाइगर रिजर्व है। प्राकृतिक आवास में बाघों की औसत आयु 8 से 15 वर्ष एवं चिडि़याघर में 16 से 20 वर्ष होती है।
  • 16 मई, 2022 को राजस्थान के रामगढ़ विशधारी अभयारण्य को भारत के 52वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया। हालांकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को भारत के 53वें टाइगर रिजर्व के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसका अधिसूचित होना अभी बाकी है।

भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व