महाराष्ट्र

धरोहर वृक्ष

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल द्वारा 10 जून, 2021 को ‘धरोहर वृक्ष’ (heritage trees) की अवधारणा के लिए ‘महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष सुरक्षा और संरक्षण अधिनियम, 1975’ में संशोधन को मंजूरी दी गई।

  • प्रस्तावित संशोधन के तहत 50 वर्ष या उससे अधिक की अनुमानित आयु वाले वृक्ष को धरोहर वृक्ष के रूप में परिभाषित किया जाएगा। यह विशिष्ट प्रजातियों से संबंधित हो सकता है, जिसे समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा।
  • राज्य जलवायु परिवर्तन विभाग (अधिनियम कार्यान्वयन एजेंसी) धरोहर वृक्ष को परिभाषित करने में आयु के अलावा, एक पेड़ की दुर्लभता, उसके वानस्पतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी विचार करेगा।
  • स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण को धरोहर वृक्षों की गिनती के साथ-साथ हर पांच साल में वृक्षों की गणना सुनिश्चित करनी होगी।
  • संशोधन के अनुसार यदि किसी पार्टी (संगठन) द्वारा धरोहर वृक्षों को गिराया जाता है तो क्षतिपूर्ति के तौर पर उसे धरोहर वृक्ष की आयु के बराबर पेड़ लगाने होंगे तथा सात साल तक वृक्षों के अस्तित्व को सुनिश्चित करना होगा।

महाराष्ट्र कृषि विभाग और अमेरिकी कृषि विभाग में समझौता

महाराष्ट्र कृषि विभाग ने 16 जून, 2021 को अमेरिकी सरकार के साथ अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

  • राज्य में उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार हेतु अभियान ‘विकेल ते पिकेल’ - ‘जो बिकेगा, वही उगेगा’ (Vikel te Pikel- Produce that can be sold) कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • उसी के हिस्से के रूप में ‘बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन (स्मार्ट) परियोजना’ विश्व बैंक की मदद से लागू की गई है।
  • स्मार्ट परियोजना के तहत राज्य कृषि विभाग USDA की मदद से कृषि सांख्यिकी, विपणन, बाजार आसूचना (market intelligence) आदि में राज्य मशीनरी की क्षमता में वृद्धि करेगा।
  • समझौता ज्ञापन बाजार सूचना प्रणाली के विकास और अन्य क्षेत्रें में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
  • समझौते के माध्यम से, USDA कृषि मूल्यशृंखलाओं को बढ़ाकर, कृषि व्यवसाय निवेश की सुविधा और लचीला उत्पादन प्रणाली विकसित करके किसानों का समर्थन करने के महाराष्ट्र के प्रयासों में सहायता करेगा।