मध्य प्रदेश

कोविसेफ रोड

  • कोविड-19 महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास में, 16 जून, 2021 को मध्य प्रदेश के ‘इंदौर शहर’ में एक व्यस्त सड़क को ‘कोविसेफ रोड’ (Covisafe road) अर्थात कोविड प्रोटोकॉल की मॉडल रोड घोषित किया गया है।
  • शहर में लालटेन चौराहा से जंजीरवाला चौराहा तक की सड़क को राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा ‘कोविसेफ रोड’ घोषित किया गया है।
  • 800 मीटर लंबी इस सड़क में कोविड-19 टीकाकरण केंद्र और नमूना संग्रह के लिए एक परीक्षण सुविधा है, इसके अलावा यहाँ एक विशेष केंद्र भी स्थापित किया गया है, जहां महामारी के बारे में लोगों के प्रश्नों और चिंताओं का समाधान किया जाएगा।

युवा शक्ति कोरोना मुक्त अभियान

18 जून, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा ‘युवा शक्ति कोरोना मुत्तिफ़ अभियान’ लॉन्च किया।

  • इसके अंतर्गत उच्च और तकनीकी शिक्षा के शासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं लगभग 16 लाख विद्यार्थियों को ‘कोविड अनुकूल व्यवहार एवं वैक्सीनेशन’ के संबंध में प्रशिक्षण देकर उनके माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जाएगा।
  • अभियान के अंतर्गत विद्यार्थी, अपने परिवार तथा आस-पास के नागरिकों को कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन से होने वाले लाभों की जानकारी देंगे।
  • मुख्यमंत्री ने अभियान की रियल टाइम निगरानी के लिए डिजाइन किया गया एक मोबाइल ऐप ‘कोवि-संदेश’ भी लॉन्च किया।

सीएम राइज स्कूल योजना

मध्य प्रदेश के हर क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 9200 ‘सीएम राइज स्कूल’ (CM Rise schools) खोले जाने की योजना बनाई है।

  • उद्देश्यः बच्चों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देने के साथ ही, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देना।
  • प्रदेश में चार स्तरों जिला, विकासखंड, संकुल और गांवों के समूह स्तरों पर सीएम राइज स्कूल प्रस्तावित हैं।
  • जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में एक (कुल 52) सीएम राइज स्कूल होंगे, जिसमें प्रति स्कूल 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे।
  • आठ मुख्य विशेषताएँः बेहतर बुनियादी ढांचा, हर छात्र के लिए परिवहन सुविधा, नर्सरी/केजी कक्षाएं, शत-प्रतिशत शिक्षक और अन्य कर्मचारी, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं और समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा और और अभिभावकों की सहभागिता।