5 नए रामसर स्थल

26 जुलाई, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों की सूची में भारत की 5 आर्द्रभूमियों को जोड़ा गया है। भारत में दक्षिण एशिया के किसी भी देश से सबसे अधिक आर्द्रभूमि हैं।


महत्वपूर्ण तथ्यः तमिलनाडु में करिकीली पक्षी अभयारण्य (Karikili Bird Sanctuary), पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट (Pallikaranai Marsh Reserve Forest) और पिचवरम मैंग्रोव (Pichavaram Mangrove); मिजोरम में पाला आर्द्रभूमि (Pala wetland) और मध्य प्रदेश में सांख्य सागर (Sankhya Sagar) को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि’ के रूप में शामिल किया गया है।

  • इन 5 आर्द्रभूमियों के जुड़ने के साथ ही, अब भारत की कुल आर्द्र भूमियों की संख्या 49 से बढ़कर अब 54 हो गई है।
  • पल्लीकरनई आर्द्रभूमि तमिलनाडु के चेन्नई शहर में एक मीठे पानी की दलदल भूमि है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 80 वर्ग किलोमीटर है। पल्लिकरनई दलदली भूमि शहर का एकमात्र जीवित आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है।
  • पिचवरम मैंग्रोव भारत में सबसे बड़े मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्रें में से एक है, जो वेल्लर और कोलिडम नदियों के मुहाने के बीच स्थित है।
  • करिकिली पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम जिले में स्थित है। इस अभयारण्य से लगभग 100 प्रजातियों को दर्ज किया गया है। ये अभयारण्य ग्रे हेरॉन (grey heron), ओपन-बिल स्टॉर्क (open-billed stork), स्पूनबिल (spoonbill), व्हाइट एलब्निस (white lbnis), ग्रे पेलिकन (grey pelican) आदि सहित अपने प्रजनन के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • पाला आर्द्रभूमि मिजोरम की सबसे बड़ी प्राकृतिक आर्द्रभूमि है। इस आर्द्रभूमि में एक गहरी झील है जो पशु प्रजातियों की एक समृद्ध विविधता का समर्थन करती है। रामसर वेबसाइट के अनुसार, पाला आर्द्रभूमि स्थानीय ‘मारा’ लोगों द्वारा पूजनीय है।
  • सांख्य सागर झील का निर्माण 1918 में मनियर नदी से हुआ था। ये झील माधव राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित हैं। यह झील माधव राष्ट्रीय उद्यान में आस-पास के जंगल की जैव-विविधता को बनाए रखती हैं।

भारत में आर्द्रभूमि

विश्व स्तर पर, आर्द्रभूमि दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र का 6-4% कवर करती है। भारत में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संकलित राष्ट्रीय आर्द्रभूमि सूची और आकलन के अनुसार, भारत में आर्द्रभूमि 1,52,600 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 4.63% है।

  • भारत में 19 प्रकार की आर्द्रभूमि है। आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में, गुजरात 34,700 वर्ग किमी (राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 17-56%) के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश (14,500 वर्ग किमी), उत्तर प्रदेश (12,400 वर्ग किमी) और पश्चिम बंगाल (11,100 वर्ग किमी) का स्थान है।
  • 54 स्थलों में से 10 उत्तर प्रदेश में, 6 पंजाब में, 4-4 गुजरात, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में, 3-3 हिमाचल प्रदेश और केरल में, 2-2 हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान में और आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, लद्दाख, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तराखंड आदि में 1-1 है।

रामसर कन्वेंशन

  • रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि पर एक अंतर सरकारी संधि है, जिस पर 1971 में ईरानी शहर रामसर में हस्ताक्षर किए गए थे।
  • आर्द्रभूमि और उनके संसाधनों की सुरक्षा के लिए विभिन्न देशों एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा 1960 के दशक में सम्मेलन के लिए बातचीत शुरू हुई। अंततः यह 1975 में लागू हुआ।
  • यह आर्द्रभूमि और उनके संसाधनों के संरक्षण एवं बुद्धिमान उपयोग के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग की रूपरेखा प्रदान करती है।
  • रामसर सूची के अनुसार सबसे अधिक रामसर साइट वाले देश यूनाइटेड किंगडम (175) और मैक्सिको (142) हैं।
  • कन्वेंशन संरक्षण के तहत बोलीविया का क्षेत्रफल 148,000 वर्ग किमी के साथ सबसे बड़ा है।