सेबी के ग्रीन बॉन्ड पर नवीन परिचालन दिशानिर्देश
6 फरवरी, 2023 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक परिपत्र जारी किया, जिसमें उन मानदंडों को रेखांकित किया गया है, जिन्हें ग्रीन ऋण प्रतिभूतियों के जारीकर्ताओं (Issuers of Green Debt Securities) को ग्रीनवाशिंग (Greenwashing) से बचने के लिए पालन करना अनिवार्य है।
ग्रीन बॉन्ड क्या होता है?
- ग्रीन बांड, निगमों, सरकारों अथवा अन्य संस्थाओं द्वारा पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए जारी ऋण प्रतिभूतियां होती हैं।
- पूंजी बाजार नियामक ‘सेबी’ (SEBI) भारत में जारी किए जाने वाले ग्रीन बॉन्ड को विनियमित करता है।
- ग्रीन बॉन्ड सिद्धांत (Green Bond Principle-GBP) ग्रीन बॉन्ड बाजार में पारदर्शिता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए त्रिपक्षीय समझौता
- 2 भारत के शहरी विकास के लिए ADB की 10 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता
- 3 जलीय कृषि क्षेत्र में एंटीमाइक्रोबियल्स के उपयोग पर प्रतिबंध
- 4 युवाओं के लिए स्टाइपेंड में 30% वृद्धि की सिफारिश
- 5 भारत का प्रथम मॉर्गेज समर्थित पास-थ्रू सर्टिफिकेट
- 6 'निवेशक सहायता' पहल हेतु प्रारंभिक रणनीतिक बैठक
- 7 PDS से संबंधित 3 प्रमुख डिजिटल पहलों का शुभारंभ
- 8 विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025
- 9 भारत का राजकोषीय घाटा GDP का 4.8%
- 10 शहरी भूमि सर्वेक्षण हेतु ‘नक्शा’ कार्यक्रम का द्वितीय चरण