भारत में 'प्रेस्टन कर्व' पर चर्चा
हाल ही में, यह पाया गया है कि भारत में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के साथ जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप सैमुअल एच. प्रेस्टन द्वारा प्रस्तावित प्रेस्टन वक्र (Preston curve) पर चर्चा की जा रही है।
- प्रेस्टन कर्व एक ग्राफिकल निरूपण है जो किसी देश की प्रति व्यक्ति आय और उसकी औसत जीवन प्रत्याशा के बीच संबंध को दर्शाता है।
- इसे अमेरिकी समाजशास्त्री सैमुअल एच. प्रेस्टन द्वारा वर्ष 1975 में प्रकाशित अपने शोध पत्र 'मृत्यु दर और आर्थिक विकास के स्तर के बीच बदलते संबंध' (The changing relation between mortality and level of economic development) में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 तेलंगाना में अनुसूचित जाति उप-वर्गीकरण
- 2 ओबीसी क्रीमी लेयर पर संसदीय समिति की रिपोर्ट
- 3 आपदा प्रबंधन में लिंग आधारित डेटा की आवश्यकता
- 4 कोच-राजबोंगशी समुदाय: नागरिकता विवाद
- 5 भारत में बाल दत्तक ग्रहण
- 6 महिला सशक्तीकरण में एआई की भूमिका
- 7 भारत में गरीबी मापन ढांचे में संशोधन की आवश्यकता
- 8 भारत में बाल मृत्यु दर में कमी: एक अनुकरणीय उपलब्धि
- 9 स्वावलंबिनी-महिला उद्यमिता कार्यक्रम
- 10 भारत में पारिवारिक मूल्यों का क्षरण एक गंभीर चिंता: सर्वोच्च न्यायालय