निवारक निरोध आपराधिक अभियोजन का विकल्प नहीं

6 जून, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि निवारक निरोध (Preventive Detention)का प्रावधान राज्य के हाथों में एक असाधारण अधिकार है, जिसका प्रयोग अत्यधिक सीमित एवं विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।

  • वाद: धन्या एम. बनाम केरल राज्य।
  • पीठ: न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनमोहन।

मामला क्या था?

  • 20 जून 2024 को पलक्कड़ के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एक पंजीकृत मनीलेंडर को कई आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए केरल समाजविरोधी गतिविधि (निवारण) अधिनियम 2007 (KAAPA) की धारा 3 के तहत निवारक निरोध में लिया गया।
  • उस व्यक्ति की पत्नी द्वारा निवारक निरोध आदेश को चुनौती देते ....
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