बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु दिशानिर्देश
18 अक्टूबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने “सोसाइटी फॉर एनलाइटनमेंट एंड वॉलंटरी एक्शन बनाम भारत संघ” मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए 'बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006 को मजबूत करने के उद्देश्य से व्यापक दिशानिर्देश जारी किये तथा इन उपायों को लागू करने में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
- निर्णय में इस बात पर जोर दिया गया कि बाल विवाह को संबोधित करने के लिए व्यापक प्रयास रोकथाम और अभियोजन से परे होने चाहिए, और इसमें पहले से ही बाल विवाह में शामिल लोगों की मदद के लिए पर्याप्त उपाय शामिल होने चाहिए।
- इस मामले में सुप्रीम ....
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