विदेशी पोर्टफोलियो निवेश

    विदेशी निवेश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPIs) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| एफपीआई निवेशक कम समय में ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए निवेश करते हैं इसलिए इन निवेशकों की मैच्योरिटी कम होती है।
  • FPI का तात्पर्य भारत की वित्तीय परिसंपत्तियों, जैसे- स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड में विदेशी व्यक्तियों, निगमों तथा संस्थानों द्वारा किये गए निवेश से है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मॉरीशस को पीछे छोड़ते हुए लक्ज़मबर्ग भारत में एफपीआई के लिए तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है, इसकी एसेट्स अंडर कस्टडी (Assets Under Custody - AUC) 30% बढ़कर 4.85 लाख करोड़ हो गई है।
  • वैश्विक स्तर पर, इसकी इक्विटी एसेट्स संयुक्त ....
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