इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए नया इंट्राडे मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स में इंट्राडे पोज़िशन की निगरानी हेतु नया ढाँचा लागू किया, जिसका उद्देश्य बड़े जोखिमों को नियंत्रित करना और बाज़ार की स्थिरता बनाए रखना है।
  • 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी, इस नए ढांचे के तहत इंडेक्स ऑप्शंस में प्रति संस्था का शुद्ध इंट्राडे पोजिशन 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित होगा, जबकि मौजूदा अंत-दिवसीय सीमा 1,500 करोड़ रुपये है। ग्रॉस इंट्राडे लिमिट 10,000 करोड़ रुपये पर बनी रहेगी।
  • उल्लंघन होने पर जांच शुरू होगी और जुर्माना या अतिरिक्त निगरानी जमा राशि लगाई जा सकती है।
  • SEBI का लक्ष्य अधिक जोखिम उठाने को कम करना और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

आर्थिक परिदृश्य