मार्च 2026 से पूर्व वामपंथी उग्रवाद को पूर्णतः खत्म करने का लक्ष्य
24 अगस्त, 2024 को वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर एक समीक्षा बैठक के पश्चात आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मार्च 2026 से पहले देश से वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।
- भारत में वामपंथी उग्रवाद या नक्सली विद्रोह की शुरुआत 1967 में नक्सलबाड़ी (पश्चिम बंगाल) में हुए विद्रोह से हुई थी, जो माओवादी विचारधारा से प्रेरित था और राजनीतिक व्यवस्था को हिंसक तरीके से उखाड़ फेंकने की वकालत करता था।
- भारत में वर्तमान समय में 9 राज्यों के 38 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं, 2010 में यह संख्या 96 थी।
- सर्वाधिक ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ‘विकसित भारत स्ट्रैटेजी रूम’ का उद्घाटन
- 2 देश में रक्षा विनिर्माण के अवसरों पर सम्मेलन
- 3 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को स्वीकृति
- 4 राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की समीक्षा बैठक
- 5 असम सरकार लगाएगी बहुविवाह (Polygamy) पर प्रतिबंध
- 6 धर्म की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार परस्पर अंतर्संबंधित
- 7 7 वर्ष के अनुभव वाले न्यायिक अधिकारी जिला न्यायाधीश पद हेतु पात्र
- 8 सिद्दी जनजातीय समुदाय
- 9 पुनर्वास शिक्षा में परिवर्तन हेतु सुधारों की घोषणा
- 10 बोडो समुदाय का बाथौ धर्म
- 1 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी
- 2 गृह मंत्री के ख़िलाफ़ राज्य सभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
- 3 लद्दाख में नए जिलों की घोषणा
- 4 कानूनों की समीक्षा करना विधि के शासन का अभिन्न अंग
- 5 भ्रामक विज्ञापन से जुड़े नियम को हटाने वाली अधिसूचना पर रोक
- 6 प्रथमदृष्टया अपराध सिद्ध न होने तक अग्रिम जमानत पर रोक नहीं
- 7 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का 'पूर्वव्यापी लाभ' बरकरार
- 8 'जमानत नियम है जबकि जेल अपवाद है': सुप्रीम कोर्ट
- 9 NCAHP अधिनियम, 2021 को लागू करने के निर्देश
- 10 परिसीमन आयोग के आदेश न्यायिक समीक्षा से मुक्त नहीं

