सतत मृदा प्रबंधन खाद्य सुरक्षा, जलवायु और जीवन का आधार - आलोक सिंह

मृदा (Soil) केवल धरती का एक भौतिक घटक मात्र नहीं है, बल्कि जीवन का आधार है। यही वह स्रोत है, जिससे अन्न, जल, जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र की निरंतरता संभव होती है। किंतु तीव्र मृदा-क्षरण, लवणीयता, उर्वरता में गिरावट और अव्यवस्थित कृषि पद्धतियों के कारण विश्व विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों में मृदा स्वास्थ्य गहरे संकट से जूझ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने जुलाई 2025 में ज़िम्बाब्वे में “वैश्विक दक्षिण में सतत मृदा प्रबंधन हेतु क्षमता विकास” नामक प्रमुख पहल शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य है—मृदा का मानचित्रण, प्रयोगशालाओं को उन्नत करना, क्षेत्रीय ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री