ब्रिक्स एवं वैश्विक दक्षिण - आलोक सिंह
बदलते वैश्विक शक्ति-संतुलन के दौर में ग्लोबल साउथ एक संगठित शक्ति के रूप में उभरकर अंतरराष्ट्रीय शासन की रूपरेखा को नया आकार दे रहा है। 2025 में रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन इस संक्रमण का अहम पड़ाव साबित हुआ है। विस्तारित सदस्यता और बहुध्रुवीयता (Multipolarity) के प्रति नवीनीकृत प्रतिबद्धता के साथ, ब्रिक्स धीरे-धीरे ग्लोबल साउथ की एकजुटता की संस्थागत रीढ़ बनता जा रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में, भारत की बढ़ती कूटनीतिक और आर्थिक भूमिका उसे विकसित और विकासशील देशों के बीच एक सेतु के रूप में स्थापित करने की आकांक्षा को दर्शाती है, जहाँ वह वैश्विक ....
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