ऋणग्रस्तता

ग्रामीण परिवारों में कर्ज को 2 श्रेणियों में बांटा गया है- कृषक एवं गैर कृषक परिवार। इसमें देखा गया कि 2012 में कुल ग्रामीण कर्ज का 74% हिस्सा कृषक परिवारों का था जो 1991 में 80% था।

हालांकि कृषक परिवारों के ऊपर ऋणग्रस्तता वर्ष 1991 के 26% से बढ़कर वर्ष 2012 में 35% हो गई है जो एक चिन्ता का विषय है।

कृषि परिवारों में ऋणग्रस्तता का राज्य स्तरीय विश्लेषण भूमिधारिता के आकार (साइज ऑफ लैण्ड होल्डिंग) पर आधारित है इसमें कृषक परिवारों में भूमि की धारिता (साइज ऑफ लैण्ड होल्डिंग) एवं ऋणग्रस्तता के बीच विपरीत संबंध देखे गए हैं। बिहार एवं पश्चिम बंगाल में 80% कृषक परिवार जिनके पास बेहद न्यून भूमि है ऋणग्रस्त है। देश के सभी राज्यों में अधिक भूमि धारिता वाले किसानों के ऊपर कृषक परिवारों में सबसे कम ऋणग्रस्तता है।