कृषि वित्त की प्रमुख समस्या

  • औपचारिक वित्त तक पहुंच का अभाव।
  • फसल बीमा तक अपर्याप्त पहुंच।

कृषि उत्पादों की खरीदारी केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा की जाती है। भारतीय खाद्य निगम कृषि उत्पादों के वितरण, संग्रहण, खरीद, बिक्री के लिए जिम्मेदार है। न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। सरकार द्वारा चावल एवं गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे ज्यादा खरीदारी की जाती है। देश में उत्पादित लगभग 1/3 गेहूं एवं चावल को केंद्र सरकार खरीदती है। वर्ष 2015-16 में देश में उत्पादित 33% गेहूं, 30% चावल केंद्र सरकार द्वारा खरीदा गया।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम-एस-पी-): किसानों को फसलों के उचित मूल्य देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा (एम-एस-पी-) तय की जाती है। इसके निर्धारण में कृषि की लागत, उत्पादन, फसल की उत्पादकता एवं बाजार मूल्यों को ध्यान में रखा जाता है।

उच्च एम-एस-पी- किसानों को नई तकनीकों को अपनाने एवं कृषि की ओवर ऑल उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होती है। सरकार 22 फसलों के लिए एम-एस-पी- घोषित करती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, जिसके लिए अनाज खरीदे जाते हैं, के द्वारा प्राथमिक रूप से लाभार्थियों को गेहूं एवं चावल वितरित किया जाता है। जब से सरकार मुख्यतः गेहूं एवं चावल की खरीद करती है तब से किसान गेहूं एवं चावल की खेती को दलहन एवं तिलहन जैसी फसलों की खेती पर वरीयता देते हैं।