यूरिया का अति उपयोग

देश में उर्वरक का उत्पादन, बिक्री एवं वितरण का नियंत्रण रासायनिक एवं उर्वरक मंत्रलय द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत किया जाता है। तीन प्रमुख पोषक तत्व हैं जिन्हें उर्वरक की तरह प्रयोग किया जाता है-

(i) नाईट्रोजन (ii) फास्फोरस (P) (iii) पोटेशियम

यूरिया (N) के मूल्य का नियंत्रण सरकार द्वारा किया जाता है वहीं P एवं K के मूल्यों के संबंध में सरकार के नियंत्रण को संसद की समिति की सिफारिश के आधार पर 1992 में हटा लिया गया।

यह देखा गया कि यूरिया का उपयोग अन्य उर्वरक से ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। NPK उर्वरकों का आदर्श अनुपात 4:2:1 है जबकि वर्तमान में भारत इसका अनुपात 6.7:4:1 है। यूरिया का अति उपयोग मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में देखा गया है। यूरिया का असंतुलित उपयोग आने वाले समय में मृदा की उत्पादकता को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।