संभावनाएं एवं चुनौतियां

देश के कुल श्रमबल में कृषि क्षेत्र श्रमिकों की हिस्सेदारी लगभग आधी है जबकि कृषि का देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 17.5% है (वर्तमान मूल्यों पर 2015-16 में)। पिछले कुछ दशकों से अर्थव्यवस्था की संवृद्धि/ग्रोथ में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रक का योगदान लगातार बढ़ा है।

कृषि उपजः भारत के खद्यान्नों का उत्पादन प्रतिवर्ष लगातार बढ़ा है एवं भारत विभिन्न फसलों जैसे गेहूं, चावल, दलहन, गन्ना, कपास (कॉटन) के उत्पादन में विश्व में शीर्ष उत्पादकों में है।

भारत दुग्ध का सबसे बड़ा एवं फलों तथा सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है फिर भी अधिकांश फसलों में कृषि उपज (भूमि की प्रति इकाई फसल के उत्पादन की मात्र) अन्य शीर्ष उत्पादक देशों जैसे चीन, ब्राजील एवं अमेरिका की तुलना में बेहद न्यून पायी गई है। हालांकि भारत चावल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन प्राप्ति (लपमसक) ब्राजील, चीन एवं अमेरिका से कम है। यही प्रवृत्ति दलहन की उत्पादकता में भी देखी गई है जिसका भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।