आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होंगे सशस्त्र बल

रूस, चीन और अमेरिका के बाद भारत ने अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अथवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को शामिल करने का फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार परियोजना के निर्देशों और रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है, जिसके द्वारा सेना के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण मशीन बनाई जाएंगी।
  • रक्षा उत्पादन सचिव अजय कुमार ने बताया कि टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स परियोजना के विनिर्देशों और ढांचे को अंतिम रूप दे रही है, जिसे सशस्त्र बलों और निजी क्षेत्र के बीच ‘साझेदारी मॉडल’ में लागू किया जाएगा।
  • चीन और पाकिस्तान से लगने वाली भारत की सीमाओं की निगरानी में एआई तकनीक का प्रयोग करने से इन संवेदनशील सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों पर दबाव को कम किया जा सकता है।
  • थल सेना, नौसेना और वायु सेना को अगली पीढ़ी के युद्ध हेतु तैयार करने के लिए व्यापक नीति पहल के एक हिस्से के रूप में, भारत का यह निर्णय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बढ़ते चीनी निवेश के बाद लिया गया है।
  • चीन एआई अनुसंधान और मशीन लर्निंग में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है। वर्ष 2017 में इसने 2030 तक देश को एआई नवाचार केंद्र (AI innovation centre) बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया था।