‘एमएएनटी’ गाइडेड मिसाइल

मई 2018 के दौरान एसएएनटी गाइडेड मिसाइल मिशन-01 अभियान संचालित किया गया। इस दौरान एमआई-35 हेलिकॉप्टर के माध्यम से एसएएनटी की सफल फायरिंग का प्रदर्शन किया गया। नवम्बर 2018 में एसएएनटी सीकर के गणितीय नमूने के साथ रिलीज फ्रलाइट ट्रायल्स (आरएफटी) भी किये गए, जिनमें एमआई-35 से सुरक्षित वियोजन, ट्रांसफर एलाइनमेंट एल्गोरिद्म, लांच रिलीज सीक्वेंस एवं लैटेक्स कण्ट्रोल ऑटो पायलट एल्गोरिद्म का प्रदर्शन किया गया।

गाइडेड पिनाका रॉकेट प्रणालीः इस प्रणाली का मई 2018 में पीएक्सई, चांदीपुर में सफल परीक्षण किया गया था एवं इसने अभियान के लिये निर्धारित सभी उद्देश्यों को पूरा किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 20 से 80 किलोमीटर की रेंज में मौजूद लक्ष्य पर निशाना साधने के लिये गाइडेड पिनाका रॉकेट प्रणाली का विकास किया जा रहा है। यह रॉकेट पिनाका एमके-II रॉकेट की प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करता है एवं इसमें पथभ्रष्ट करने पर आधारित एयरोडायनेमिक नियंत्रण एवं इनर्शियल नेवीगेशन सिस्टम/ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित मार्गदर्शन हैं।

‘तापस-बीएच’

‘तापस-बीएच 201’ के वर्ष 2018 के दौरान कुल 63 टैक्सी ट्रायल (एलएसटीटी एवं एचएसटीटी) हो चुके हैं। यूजर कॉन्फिग्युरेशन फ्रलाइट का पहला चरण फरवरी 2018 में शुरू हुआ। आज तक ऐसे 25 ट्रायल पूरे हो चुके हैं। अनेक अभियानों में काम आने वाले तापस-बीएच को सेना के तीनों अंगों के लिये आसूचना संग्रह, निगरानी एवं टोह लेने की भूमिकाएं निभाने के लिये 24 घंटे कार्यरत रहने की योग्यता के साथ विकसित किया जा रहा है।

युद्ध सामग्री का नया परिवार (एनएफएमएस): रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा मौजूदा युद्ध-सामग्री में सुधार करने एवं उनके प्रदर्शन में निखार के लिये छः प्रकार की युद्ध सामग्री की रचना एवं विकास किया जा रहा है।

अर्जुन आर्मर्ड रिकवरी एंड रिपेयर व्हीकल (अर्जुन एआरआरवी): अर्जुन आर्मर्ड रिकवरी एंड रिपेयर व्हीकल का उद्देश्य सैन्य कार्यवाही के दौरान विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में एमबीटी अर्जुन के अनेक रिकवरी, मरम्मत एवं पुनःपूर्ति से संबंधित कामकाज करना है। वर्ष के दौरान डीआरडीओ के आंतरिक परीक्षणों में पहली प्रतिकृति का सफल प्रदर्शन किया गया था एवं दूसरी प्रतिकृति विकासात्मक परीक्षणों के दौर में है।

एडवांस लाइट टौड एरे सोनार (एएलटीएस): एडवांस लाइट टौड एरे सोनार (एएलटीएस) विशेषकर समुद्र की सतह से नीचे की परिस्थितियों में प्रचालित पनडुब्बियों के संसूचन, स्थानीकरण एवं वर्गीकरण की एक प्रभावी संवेदन प्रणाली है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडबल्यू) से जुड़ी कार्यवाहियों में उपयोगी है एवं तेज गति से टॉरपीडो के हमले करने में सक्षम शांत पड़ी पनडुब्बियों को ढूंढ़ने में युद्धपोतों के लिये तीव्र संसूचक हैं। आईएनएस शारदा पर इस प्रणाली के उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षण जारी हैं। परीक्षणों के दौरान घसीटने एवं लांच करने से संबंधित मापदण्डों समेत लगभग 75 एनएसक्यूआर मापदण्डों का प्रदर्शन किया गया।

यूएसएचयूएस-2: पनडुब्बियों की शाखा की दीर्घकालिक आवश्यकताओं के देखते हुए एवं इन पनडुब्बियों पर लगी मौजूदा रूसी सोनार में पुर्जों के पुराने पड़ जाने से निपटने के लिये यूएसएचयूएस-2 चार इकेएम पनडुब्बियों पर तैनाती के लिये एक पनडुब्बी सोनार है। यूएसएचयूएस-2 के इंजीनियर्ड नमूनों की रचना एवं विकास एनपीओएल में एवं इनका निर्माण मेसर्स बीइएल, बैंगलुरू में किया जा रहा है। वर्ष के दौरान रूस में आईएनएस सिंधुकेसरी पर यूएसएचयूएस-2 का सी एक्सेप्टेंस ट्रायल (एसएटी) फेज-1 पूरा किया गया था।

पोर्टेबल डाइवर डिटेक्शन सोनार (पीडीडीएस): डीआरडीओ/एनपीओएल बंदरगाहों के निकट छोटे लक्ष्यों जैसे गोताखोर एवं गोताखोर डिलीवरी वाहनों की पहचान करने में सक्षम पीडीडीएस प्रणाली की रचना एवं विकास कर रहे हैं। जब भी आवश्यकता हो इसकी तैनाती एवं पुनः प्राप्ति की जी सकती है। इस वर्ष के दौरान पोर्टेबल डाइवर डिटेक्शन सोनार (पीडीडीएस) प्रणाली का विकास किया गया। इस प्रणाली का मैदान पर मूल्यांकन 2019 की शुरूआत में हो जाएगा।

एडवांस लाइट वेट टॉरपीडो (एएलडबल्यूटी): एएलडबल्यूटी किसी पोत, हेलिकॉप्टर अथवा फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्रट से दागा जाने वाला एक पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है। इसमें कम गति (25 नॉटिकल माइल) में 25 किलोमीटर एवं उच्च गति (50 नॉटिकल माइल) में 12 किलोमीटर की द्वैत गति वाली क्षमताएं हैं। वर्ष के दौरान पूर्ण टॉरपीडो के साथ 70 किलोवॉट बैटरी का डिस्चार्ज परीक्षण किया गया। एएलडबल्यूटी में इस्तेमाल रिकवरी प्रणाली जैसे-एसटीआरएस, आईपीआरएस, नोइज मेकर एवं बीएसएटी की कार्यप्रणाली देखने के लिये विशाखापट्टनम के निकट समुद्र में इसका स्थैतिक परीक्षण किया गया था।

सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर): नेटवर्क द्वारा सक्षम, अंतः प्रचालनीय एवं प्रमापीय सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर) के समूह के विकास का उद्देश्य नौसेना की आवश्यकतानुसार मोबाइल तथा फिक्स्ड फोर्सेज को सुरक्षित बेतार संचार की क्षमता उपलब्ध कराना है, यथा- नेवल कॉम्बैट (एसडीआर-एनसी), टैक्टिकल (एसडीआर-टीएसी), एयरबोर्न (एसडीआर-एआर), मैनपैक (एसडीआर-एमपी) एवं हैण्ड हेल्ड (एसडीआर एचएच)। वर्ष के दौरान एसडीआर टीएसी के उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षण एवं एक्सेप्टेंस टेस्ट विशाखापट्टनम के पांच पोतों पर पूरे किये गए। चुनिंदा बैण्ड पर एसडीआर-एआर के फ्रलाइट ट्रायल भी पूरे किये गए।