इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी)

आईबी भारत की प्रमुख आंतरिक खुफिया एजेंसी है, जो भारत के भीतर खुफिया जानकारी एकत्र करने का कार्य करती है। यह एजेंसी 1887 में ब्रिटिश सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा लंदन में "सेंट्रल स्पेशल ब्रांच" के रूप में बनाई गई थी, ताकि उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के माध्यम से ब्रिटिश भारत पर रूसी आक्रमण को रोका जा सके। 1920 में एजेंसी को बाद में ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ नाम दिया गया। 1947 में स्वतंत्रता के बाद एजेंसी को गृह मंत्रालय के अधीन रखा गया।

  • हिम्मत सिंह समिति (नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट कमेटी) की सिफारिशों के बाद, इंटेलिजेंस ब्यूरो को 1951 से सीमा क्षेत्रों में खुफिया संग्रह का काम सौंपा गया। इस कार्य का संचालन पहले सैन्य खुफिया संगठनों द्वारा किया जाता था।
  • 1947 के बाद, इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आंतरिक और बाहरी खुफिया एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। 1962 के चीन-भारतीय युद्ध और 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में इंटेलिजेंस ब्यूरो की कमियों के कारण इसे 1968 में विभाजित किया गया तथा केवल आंतरिक खुफिया जानकारी एकत्र करने का कार्य निर्धारित किया गया। बाहरी खुफिया शाखा को नव-निर्मित रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R & AW) को सौंप दिया गया।
  • इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का कामकाज न तो भारतीय संसद के किसी अधिनियम द्वारा नियंत्रित है और न ही किसी सरकारी कार्यकारी आदेश द्वारा नियंत्रित होता हैं।
  • आईबी के प्रमुख कार्य में काउंटर इंटेलिजेंस, काउंटर टेररिज्म, वीआईपी सुरक्षा, धर्मनिरपेक्षता विरोधी गतिविधियां, सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया संग्रह और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा शामिल हैं।