राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ)

एनटीआरओ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत एक तकनीकी खुफिया एजेंसी है। संगठन को 2004 में सुब्रमण्यम समिति की सिफारिशों पर स्थापित किया गया था, जिसने कारगिल युद्ध (1999) के खुफिया जानकारी की कमियों को इंगित किया था। तत्कालिक प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डा. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन का रूपरेखा तैयार किया था।

  • एनटीआरओ को पहले राष्ट्रीय तकनीकी सुविधा संगठन (छज्थ्व्) के रूप में जाना जाता था और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • यह आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर अन्य एजेंसियों को तकनीकी खुफिया जानकारी प्रदान करने के लिए एक सुपर-फीडर एजेंसी के रूप में कार्य करता है और अधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के दायरे में काम करता है।
  • एनटीआरओ को खुफिया संगठन (अधिकारों की रोकथाम) अधिनियम, 1985 के तहत रखा गया था, जो अपने कर्मचारियों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाता है और एनटीआरओ को आईबी और आर एंड डब्ल्यू की तर्ज पर व्यापक निगरानी शक्तियां देता है।

कार्य

एनटीआरओ अपने राष्ट्रीय क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के खतरों की निगरानी करना, उनको घटित होने से रोकना तथा उनका मूल्यांकन करना है।

  • विमानन और रिमोट सेंसिंग, डाटा एकत्र करने और प्रसंस्करण, स्ट्रेटजीक हार्डवेयर आदि में तकनीकी क्षमता विकसित करना।
  • एनटीआरओ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिप्टोलॉजी रिसर्च एंड डेवलपमेंट (एनआईसीआरडी) के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टोलॉजी सिस्टम विकसित करना है।
  • उपग्रहों (टीईएस), कार्टोसैट, रिसैटश्रृंखला आदि से डाटा एक्सेस उच्च स्थानिक रिजॉल्यूशन की छवियां प्राप्त कर प्रौद्योगिकी का रणनीतिक प्रयोग सुनिश्चित करना।
  • राष्ट्रीय संकटों से निपटने के लिए काउंटर इंटेलिजेंस एकत्रित करना।