राष्ट्रीय पशु प्रजनन और डेयरी विकास कार्यक्रम

गो-जातीय प्रजनन और डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीबीबीडीडी) को पशुपालन विभाग, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग की चार कार्यान्वित योजनाओं को डेयरी क्षेत्र में विलय करके तैयार किया गया है। योजना में मवेशियों और भैंस प्रजनन (एनपीसीबीबी), गहन डेयरी विकास कार्यक्रम (आईडीडीपी), गुणवत्ता और स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे (एसआईक्यू और सीएमपी) तथा सहकारी समितियों की सहायता के लिए राष्ट्रीय परियोजना शामिल हैं।

  • यह देश में दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन और उत्पादकता के उच्च स्तर को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है।
  • यह वैज्ञानिक और समग्र तरीके से दूध उत्पादन और डेयरी गतिविधियों को एकीकृत करता है।

योजना के घटक

1. गो-जातीय प्रजनन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम

  • किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं को उपलब्ध कराना।
  • उच्च आनुवंशिक गुणों के जर्मप्लाज्म का उपयोग करके कृत्रिम या प्राकृतिक गर्भाधान के माध्यम से संगठित प्रजनन को बढ़ावा देना।
  • उच्च सामाजिक आर्थिक महत्व के स्वदेशी गो-जातीय नस्लों के संरक्षण, विकास और प्रसार करना।
  • महत्वपूर्ण देशी नस्लों के स्तर में गिरावट और विलुप्त होने से रोकने के लिए गुणवत्ता प्रजनन आदान (quality breeding inputs) उपलब्ध कराना।

2. डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम

किसान को उपभोक्ता से जोड़ने के लिए बुनियादी ढाँचा तैयार करना, जिससे गुणवत्तापूर्ण दूध की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

  • दूध और दूध उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण तथा उन्हें मजबूत करना।
  • डेयरी किसानों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण बुनियादी ढाँचा तैयार करना।
  • ग्रामीण स्तर पर डेयरी सहकारी समितियों / उत्पादकों की कंपनियों को मजबूत करना।
  • तकनीकी इनपुट सेवाएं जैसे मवेशी चारा और खनिज मिश्रण आदि प्रदान करके दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना।
  • संभावित व्यवहार्य दुग्ध संघों/यूनियनों के पुनर्वास में सहायता करना।

3. राष्ट्रीय गोकुल मिशन

दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए देसी गोजातीय नस्लों का विकास और संरक्षण करना।

  • उत्पादकता में वृद्धि के लिए उच्च आनुवंशिक गुणों वाले बैल का समावेशन करना।
  • प्रजनन क्षेत्र में प्रजनक समितियों की स्थापना।
  • वैज्ञानिक तरीके से गोकुल ग्राम की स्थापना।