यान-हरण निवारण अधिनियम 2016 (एंटी-हाइजैकिंग एक्ट 2016)

यान-हरण निवारण अधिनियम (एंटी-हाइजैकिंग एक्ट) का उद्देश्य हेग हाइजैकिंग कन्वेंशन और बीजिंग प्रोटोकॉल सप्लीमेंट्री कन्वेंशन 2010 को लागू करना है। इस अधिनियम को एंटी-हाइजैकिंग अधिनियम, 1982 के स्थान पर लागू किया गया और हाईजैकिंग को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसके अंतर्गत तकनीकी साधनों का उपयोग कर विमान हरण या नियंत्रण के प्रयास को शामिल किया गया है। इस संभावना को भी इसमें समाहित किया गया है कि अपहरणकर्त्ता शारीरिक रूप से विमान में मौजूद नहीं हो सकता है।

इस अधिनियम का अधिकार क्षेत्र सार्वभौमिक है औरइसके अंतर्गत निम्नलिखित तथ्यों को शामिल किया गया है-

  • यदि अपहर्ता भारतीय है या
  • यदि अपहृत विमान भारत में पंजीकृत है या
  • यदि कोई विदेशी पंजीकृत विमान भारत में कथित अपराधी के साथ लैंड करता है या
  • विमान का अपहरण दुनिया में कहीं भी किया गया हो और उस पर कोई भारतीय नागरिक सवार हो।

इस अधिनियम में ‘सेवा’ शब्द को भी व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसके अंतर्गत ग्राउंड कर्मियों द्वारा पूर्व-उड़ान तैयारियों के समय से ही विमान को सेवा में समझा जाएगा या चालक दल द्वारा उड़ान सेवा की शुरुआत करने के 24 घंटे बाद तक भी उड़ान को सेवा में माना जाएगा।

अधिनियम के विवादित मुद्दे

इस अधिनियम में सीमा शुल्क एवं पुलिस सेवा में उपयोग किए जाने वाले विमानों को शामिलनहीं किया गया है।

  • यह अधिनियम और बेहतर, होता यदि इसमें होक्स कॉल (छद्म कॉल) के प्रावधान को आनुपातिक दंड के साथ शामिल किया गया होता।
  • इस अधिनियम में ‘बंधक’ एवं ‘सुरक्षा कर्मी’ शब्दों को परिभाषित नहीं किया गया है।
  • यह अधिनियम हवाई अड्डे पर जमीनी कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों को भी सुरक्षा प्रदान नहीं करता है।
  • इस अधिनियम में यात्रियों और चालक दल के सुविधा के लिए किसी अन्य राज्य में विमान अपहरण के स्थिति में अतिरिक्त-क्षेत्रीय स्थिति या प्रतिरक्षाका भी प्रावधान होना चाहिए था।

संभावित उपाय

अधिनियम को व्यापक बनाते हुए सीमा शुल्क एवं पुलिस सेवा से जुड़े विमानों का प्रावधान लाना चाहिए।

  • अधिनियम में शामिल शब्दों जैसे कि ‘बंधक’ एवं ‘सुरक्षा कर्मी’ को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • होक्स कॉल (छद्म कॉल) के निवारण के प्रावधान को शामिल किया जाना चाहिए।
  • अतिरित्तफ़ क्षेत्रीय मामलों में भी ऑपरेशन के स्पष्ट अधिकार क्षेत्र को चिह्नित करना चाहिए।
  • अधिनियम में अपहरण के दौरान जमीन, कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों के सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए।