भारत का पहला स्वदेशी उच्च राख कोयला गैसीकरण आधारित मेथनॉल उत्पादन संयंत्र

9 सितंबर, 2021 को नीति आयोग के अनुसार हैदराबाद स्थित भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के अनुसंधान और विकास केंद्र में भारत का पहला स्वदेशी ‘उच्च राख कोयला गैसीकरण आधारित मेथनॉल उत्पादन संयंत्र’ (High Ash Coal Gasification Based Methanol Production Plant) डिजाइन किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः बीएचईएल अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने 2016 में नीति आयोग की सहायता से मेथनॉल का उत्पादन करने के लिए भारतीय उच्च राख कोयला (जिस कोयले में राख की अधिक मात्रा होती है) गैसीकरण पर काम करना शुरू किया।

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागद्वारा 10 करोड़ रुपये के अनुदान के साथ बीएचईल ने ‘1.2 टन प्रति दिन फ्लूइडाइज्ड बेड गैसीफायर’ (1.2 TPD Fluidized bed gasifier) का उपयोग करके उच्च राख वाले भारतीय कोयले से 0.25 टन प्रति दिन मेथनॉल बनाने की सुविधा को सफलतापूर्वक डिजाइन किया। इस उत्पादित कच्चे मेथनॉल की मेथनॉल शुद्धता 98 से 99.5 फीसदी के बीच है।

जीके फ़ैक्ट

  • मेथनॉल का उपयोग मोटर ईंधन के रूप में, जहाज के इंजनों को बिजली देने और पूरे विश्व में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने के लिए किया जाता है। मेथनॉल का उपयोग ‘डाइ-मिथाइल ईथर’ (di-methyl ether: DME) के उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है। यह एक तरल ईंधन है, जो डीजल की तरह होता है। मौजूदा डीजल इंजनों को डीजल की जगह DME का उपयोग करने के लिए मामूली रूप से बदलने की जरूरत होती है।

प्रश्नोत्तर-सार

सौर चरखा मिशन

  • सौर चरखा मिशन के उद्देश्य हैं- (i) ग्रामीण क्षेत्रों में सौर चरखा क्लस्टर के माध्यम से, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सृजन द्वारा समावेशी विकास सुनिश्चित करना। (ii) ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में प्रवास को रोकने में मदद करना। (iii) कम लागत वाली, नवीन तकनीकों और प्रक्रियाओं का लाभ उठाना।
  • सौर चरखा मिशन के क्षमता निर्माण के तहत, योजना में कताई इकाई में शामिल कताई करने वालों, बुनकरों, सिलाई करने वालों, कुशल कारीगरों और दो साल की अवधि में प्रति क्लस्टर 0.595 करोड़ रुपये की कुल लागत वाले गारमेंट इकाइयों में शामिल अन्य लोगों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की परिकल्पना की गई है।

आर्थिक परिदृश्य