कोलंबो घोषणापत्र
वर्तमान में विश्व वायु प्रदूषण के खतरे से जूझ रहा है तथा प्रति वर्ष लगभग 7 मिलियन लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम - यूएनईपी (United Nation Environment Programme - UNEP) के सहयोग से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 23 व 24 अक्टूबर, 2019 को दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सभी सदस्य देशों ने 2030 तक नाइट्रोजन अपशिष्ट की मात्र को आधा करने के महत्वाकांक्षी घोषणापत्र जिसे ‘कोलंबो घोषणापत्र’ नाम दिया गया है को अपनाने पर सहमति जतायी।
मुख्य तथ्य
- कोलंबो घोषणापत्र को अंतरराष्ट्रीय नाइट्रोजन प्रबंधन प्रणाली (International Nitrogen Management ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 धारणीय कृषि: रोजगार, स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय संतुलन की आधारशिला
- 2 राष्ट्रीय खेल नीति 2025
- 3 भारत की जैव अर्थव्यवस्था: सतत और समानतामूलक विकास की प्रेरक शक्ति
- 4 भारत में शहरी लचीलापन: सतत अस्तित्व की रूपरेखा
- 5 आतंकवादी वित्तपोषण के जोखिम: सीमाओं से परे एक अदृश्य ख़तरा
- 6 क्या भारत के शहर साइबर चुनौतियों का सामना करने को तैयार हैं?
- 7 परंपरागत चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता: प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का सेतु
- 8 भविष्य के लिए कौशल: भारत के कार्यबल परिदृश्य का रूपांतरण
- 9 NISAR मिशन: भारत–अमेरिका की अंतरिक्ष साझेदारी का नया अध्याय
- 10 भारत की वर्तमान व्यापार वार्ताएं
करेंट अफेयर्स के चर्चित मुद्दे
- 1 वैश्विक भूख सूचकांक 2019
- 2 उपग्रह आधारित संचार प्रणालीः जेमिनी
- 3 जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के मानचित्र जारी
- 4 राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
- 5 राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र
- 6 व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण 2016-18
- 7 ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2020
- 8 भारत में चक्रीय मंदी का गंभीर स्वरूपः विश्व बैंक
- 9 20वीं पशुधन गणना रिपोर्ट
- 10 भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन
- 11 दृष्यता पर पहली वैश्विक रिपोर्ट जारी