विशेष आर्थिक क्षेत्र
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा बाबा कल्याणी की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट 19 नवंबर, 2018 को वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को सौंप दी।
उद्देश्य व सुझाव
- रिपोर्ट का गठन भारत की वर्तमान विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones-SEZs) नीति का आकलन करने, विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मानकों के अनुरूप बनाने और इन क्षेत्रों में खाली पड़ी भूमि का अधिकतम उपयोग हेतु सुझाव देने के उद्देश्य से किया गया था।
- समिति की रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह से भारत में सेवा क्षेत्र के सूचना प्रौद्योगिकी और ITeS (Information technology -IT and IT enabled services - ITeS) ने सफलता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत की तांबे की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में वैश्विक पहल
- 2 भारत में महत्वपूर्ण खनिजों के लिए पहली अन्वेषण लाइसेंस नीलामी
- 3 भारत में कोयला उत्पादन की ऐतिहासिक उपलब्धि
- 4 पोषक तत्त्व सब्सिडी योजनाओं का अपर्याप्त वित्तपोषण
- 5 राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) की बैठक
- 6 एनएचएआई द्वारा InvIT मुद्रीकरण पूरा
- 7 भारत के पहले वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब हेतु समझौता
- 8 लोक लेखा समिति द्वारा जीएसटी ढांचे की व्यापक समीक्षा की मांग
- 9 12वां क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम
- 10 अनुसंधान एवं विकास में भारत की प्रगति