पंज तीरथ से संबंधित मुख्य तथ्य
- यहां पर पांच जलाशयों के पाए जाने के कारण इसका नाम ‘पंज तीरथ’ पड़ा है। इस स्थल पर एक मन्दिर है और साथ ही खजूर के पेड़ों का एक उद्यान भी है।
- लोगों का ऐसा मानना है कि महाभारत में वर्णित पौराणिक राजा पांडु इसी स्थान के रहने वाले थे।
- आरम्भ में हिन्दू यहां कार्तिक के महीने में आया करते थे और इन जलाशयों में नहाते थे और यहां के पेड़ों के नीचे पूजा-पाठ किया करते थे।
- 1747 ई. में इस स्थल को तोड़ दिया गया था जब अफगानिस्तान में दुर्रानी वंश का शासन था लेकिन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 बोहाग बिहू उत्सव
- 2 कन्नडिप्पया जनजातीय शिल्प को GI टैग
- 3 ढोकरा कला: एक प्राचीन और जीवंत परंपरा
- 4 देवराय प्रथम के दुर्लभ ताम्रपत्रों का अनावरण
- 5 माता कर्मा की 1009वीं जयंती पर डाक टिकट जारी
- 6 लाला हरदयाल: क्रांतिकारी विचारक और स्वतंत्रता सेनानी
- 7 भारत की 6 संपत्तियां यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल
- 8 पेप्सू मुजारा आंदोलन
- 9 कम्ब रामायण संरक्षण एवं संवर्धन पहल
- 10 सूफ़ी संगीत महोत्सव : जहान-ए-ख़ुसरो