चाईनीज पैडलफिश विलुप्त हुई
- मत्स्य विशेषज्ञों के नए शोध के अनुसार ताजे पानी की सबसे बड़ी मछलियों में से एक चीनी पैडलफिश (Chinese paddlefish) विलुप्त हो चुकी है। वाटर टाइगर और यांग्त्जी का पांडा के उपनाम से प्रसिद्ध चीनी पेडलफिश आिखरी बार वर्ष 2003 में शोधकर्ताओं द्वारा देखी गई थी।
प्रमुख तथ्य
- वैज्ञानिकों का यह मानना है कि वर्ष 2010 तक यह विशालकाय मछली पूरी तरह से विलुप्त हो गई और इसके अस्तित्व का कोई सबूत नहीं मिल पाया है। वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में व्यापक पैमाने पर सर्वेक्षण और पिछले रिकॉर्ड के सांख्यिकीय विश्लेषण के आधार पर किए गए अध्ययन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ट्रांस-फैट्स
- 2 ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक
- 3 प्रोजेक्ट SeaCURE
- 4 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण वनस्पति एवं जंतु प्रजातियां
- 5 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र
- 6 पूर्वोत्तर भारत का पहला भूतापीय उत्पादन कुआं
- 7 BRS कन्वेंशंस के लिए पक्षकारों का सम्मेलन (CoP)
- 8 ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF)
- 9 लद्दाख में हिम तेंदुए से संबंधित अध्ययन
- 10 हेसरघट्टा घासभूमि संरक्षण रिजर्व
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 1901 के बाद 2019 भारत का सातवां सबसे गर्म वर्ष
- 2 कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट इंडिया रिपोर्ट
- 3 हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (एचसीएफसी)-141 बी
- 4 विश्व के पांच बड़े दीर्घकालिक जोिखम पर्यावरण से जुड़ेः डब्ल्यूईएफ
- 5 भितरकनिका जनगणनाः खारे पानी के मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि
- 6 काजीरंगा में नमभूमि पक्षियों की 96 प्रजातियां दर्ज की गईं
- 7 पलाऊ ने सनस्क्रीन रसायनों पर प्रतिबंध लगाया
- 8 वनीकरण हेतु मियावाकी तकनीक
- 9 भारत की 10 आर्द्र भूमियां रामसर स्थल घोषित
- 10 भारत में अफ्रीकी चीता लाने की अनुमति
- 11 भारतीय कोबरा का जीनोम अनुक्रमित किया गया
- 12 मुदुमलाई टाइगर रिजर्व को आक्रामक प्रजाति से खतरा
- 13 गुलदाउदी की एक नई किस्म का विकास