गिग वर्कर्स द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों की चर्चा करते हुए इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों की चर्चा कीजिए?

उत्तरः अस्थायी अनुबंध पर आधारित एक मुक्त बाजार प्रणाली को गिग अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है। इसमें संविदा पर काम करने वाले अस्थाई कर्मचारी शामिल होते हैं। जून 2022 में, ‘इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफार्म इकॉनमी’ नामक शीर्षक से नीति आयोग द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में गिग कार्यबल की संख्या वर्ष 2020-21 में लगभग 77 लाख थी जिसके वर्ष 2029-30 में बढ़कर 2-35 करोड़ हो जाने की संभावना है।

गिग वर्कर्स द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं

  • कार्यों की अनियमित प्रकृति, नौकरी की असुरक्षा तथा सीमित लाभों के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा एवं बीमा ....

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