व्यक्ति द्वारा अपने नाम में परिवर्तन: मौलिक अधिकार
इलाहाबाद उच्च न्यायालय तथा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में अलग-अलग मामलों में दिए गए निर्णयों में यह कहा गया कि किसी व्यक्ति का नाम या उपनाम बदलने का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।
- 25 मई, 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को अपना नाम बदलने की अनुमति देते हुए कहा कि नाम रखने या बदलने का मौलिक अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए), अनुच्छेद 21 तथा अनुच्छेद 14 के तहत प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है।
- इसी प्रकार के एक अन्य मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 19 मई, 2023 को एक याचिका ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ‘विकसित भारत स्ट्रैटेजी रूम’ का उद्घाटन
- 2 देश में रक्षा विनिर्माण के अवसरों पर सम्मेलन
- 3 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को स्वीकृति
- 4 राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की समीक्षा बैठक
- 5 असम सरकार लगाएगी बहुविवाह (Polygamy) पर प्रतिबंध
- 6 धर्म की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार परस्पर अंतर्संबंधित
- 7 7 वर्ष के अनुभव वाले न्यायिक अधिकारी जिला न्यायाधीश पद हेतु पात्र
- 8 सिद्दी जनजातीय समुदाय
- 9 पुनर्वास शिक्षा में परिवर्तन हेतु सुधारों की घोषणा
- 10 बोडो समुदाय का बाथौ धर्म

