कृषि अवसंरचना : भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण अंतरालों को दूर करने के लिए आवश्यक - संपादकीय डेस्क
वर्तमान समय में कृषि विकास में सहायक बुनियादी ढांचे को विकसित करना तो आवश्यक है ही, साथ ही वर्तमान बुनियादी ढांचे में भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव लाने की भी आवश्यकता है। विकसित देशों में प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधी अन्य गतिविधियों में इंटरनेट एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे व्यापक प्रयोग किये जा रहे हैं। तकनीकी प्रगति पर आधारित इस प्रकार के प्रयोगों में बढ़ी हुई खाद्य आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए कृषि उत्पादन में वृद्धि करने की क्षमता है।
वर्तमान में भारत सरकार कृषि क्षेत्र की उत्पादकता, प्रतिस्पर्धात्मकता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कृषि बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 2 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 3 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 4 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 5 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 6 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 7 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह
- 8 भारत में महिला उद्यमिता आर्थिक विकास, नवाचार एवं सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहन - महेंद्र चिलकोटी
- 9 जलवायु वित्तयन COP29 सम्मेलन में की गई प्रगति, चुनौतियां तथा भविष्य की राह डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव