मध्यस्थता निर्णय को संशोधित करने की न्यायालय की शक्ति सीमित

30 अप्रैल, 2025 को सुप्रीम कोर्ट की 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि न्यायालयों को कुछ सीमित परिस्थितियों में मध्यस्थता के निर्णयों (arbitral awards) को संशोधित करने का अधिकार प्राप्त है।

  • वाद: गायत्री बालासामी बनाम आईएसजी नोवासॉफ्ट टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड (Gayatri Balasamy v ISG Novasoft Technologies Limited)।

निर्णय के मुख्य बिंदु

  • 4:1 बहुमत से दिये गए इस निर्णय में कहा गया कि 1996 के मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 34 और 37 के अंतर्गत न्यायालयों द्वारा मध्यस्थता निर्णयों में संशोधन केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है।
  • न्यायालय को तथ्यात्मक त्रुटियों को सुधारने ....
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