वैश्विक दक्षिण एवं भारत : समतामूलक विश्व व्यवस्था हेतु प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं प्रतिबद्धता आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
कोविड-19 महामारी की चुनौतियों, ईंधन, उर्वरक एवं खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों तथा बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों ने वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के लिए विकासात्मक प्रयासों को प्रभावित किया है। भारत ने हमेशा ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपने विकास अनुभव साझा किए हैं, इससे भारत की ग्लोबल साउथ की चिंताओं को व्यक्त करने वाले संवेदनशील देश के रूप में पहचान स्थापित हुई है। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था तथा कूटनीतिक संवादों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में यह उभरती 'नवीन वैश्विक व्यवस्था' को आकार देने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत ....
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